कंप्यूटर टीचर्स को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर व घसीट-घसीट कर पीटा!

पानीपत । शिक्षा विभाग में समायोजन की मांग को लेकर सडक़ पर उतरे कंप्यूटर टीचर्स को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर और घसीट-घसीट कर पीटा। पुलिस की ओर से किए गए लाठी चार्ज में दो दर्जन टीचर्स को चोटे आई हैं। किसी का सिर फूटा तो किसी को पीठ, हाथ, पैर में चोटें लगी हैं। पुलिस उन्हें सीधे थाने ले गई। इसके बाद सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया।
दरअसल, सोमवार को कंप्यूटर टीचर्स संघ के बैनर तले ये कंप्यूटर शिक्षक 20 अगस्त से पंचकूला के शिक्षा सदन के पीछे मैदान में धरने पर बैठे थे। सोमवार दोपहर ये सडक़ पर आ गए और नारेबाजी करते हुए शिक्षा सदन का घेराव करने पहुंच गए। यहां सदन के गेट बंद किए गए। पुलिस ने खूब जोर आजमाइश भी हुई। इन्हें बताया कि पंचकूला डीसी ने बुलाया है, वहां प्रतिनिधिमंडल जाकर मिल सकता है। इस पर सभी ने डीसी ऑफिस की ओर कूच कर दिया। डीसी कार्यालय के बाहर ये सडक़ पर बैठ गए। करीब एक घंटा इंतजार के बाद पुलिस की ओर से इन्हें उठने को कहा गया तो टीचर्स ने मना कर दिया।
पुलिस ने इन्हें खदेडऩे के लिए पहले वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया, लेकिन जब ये नहीं खिसके तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। इतना ही नहीं इन्हें घसीट कर गाडियों में डाला गया। इस दौरान काफी संख्या में टीचर्स को चोटें लगी। पंचकूला के एसीपी नुपूर बिश्नोई ने बताया कि कंप्यूटर टीचर्स को पहले शांत करने का प्रयास किया। ये रोड जाम करने जा रहे थे। गिरफ्तारी का प्रयास किया। जब नहीं माने तो लाठी चार्ज करना पड़ा। ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी मौके पर थे। अज्ञात के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है।
प्रदेशभर में करीब 2013 से 2200 कंप्यूटर शिक्षक शिक्षा दे रहे हैं। कंप्यूटर शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष बलराम धीमान ने कहा कि पिछले 6 वर्षों में सरकार द्वारा 10 बार से ज्यादा उनकी सेवा को समाप्त किया जा चुका है। धीमान ने बताया सरकार शिक्षकों का स्थाई समाधान करने की बजाय सडक़ पर ही रखना ज्यादा पसंद कर रही है। शिक्षा विभाग के पास स्थाई पॉलिसी के तहत कंप्यूटर शिक्षकों के 3216 पद स्वीकृत हैं। इसके बावजूद समायोजित नहीं किया जा रहा है।