महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर फड़णवीस की वापसी, अजित पवार बने उपमुख्यमंत्री

मुंबई, 23 नवंबर ! भाजपा के देवेंद्र फड़णवीस और राकांपा नेता अजित पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह शपथ ग्रहण ऐसे समय में हुआ है जब एक दिन पहले शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति बनी थी। हालांकि, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देने का फैसला उनके भतीजे का निजी फैसला है न कि पार्टी का।

शिवसेना नेता संजय राउत ने भाजपा के साथ हाथ मिलाने का फैसला लेकर अजित पवार पर शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि शरद पवार और उद्धव ठाकरे मुंबई में जल्द ही संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। फड़णवीस की मुख्यमंत्री के तौर पर वापसी के साथ ही राज्य में महीने भर से चल रहा राजनीतिक गतिरोध खत्म हो गया। राज्य में 12 नवंबर को लगाए राष्ट्रपति शासन को शनिवार तड़के हटा दिया गया।

इस घटनाक्रम ने न केवल राजनीतिक गलियारे में सरगर्मियां बढ़ा दी है बल्कि यह राज्य के लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है क्योंकि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस राज्य में सरकार गठन को लेकर बातचीत कर रहे थे। शरद पवार ने शुक्रवार शाम को ही कहा था कि नयी सरकार का नेतृत्व उद्धव ठाकरे करेंगे। इस घोषणा ने उन अटकलों को खत्म करने का संकेत दिया था कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा। तीनों पार्टियों ने नयी सरकार के गठन के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) का मसौदा भी तैयार कर लिया था।

बहरहाल, जब शनिवार तड़के शपथ ग्रहण समारोह हुआ तो उसके बाद शरद पवार ने ट्वीट किया, ‘‘महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का अजित पवार का फैसला उनका व्यक्तिगत निर्णय है। यह राकांपा का फैसला नहीं है। हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम इस फैसले का समर्थन नहीं करते।’’

पत्रकारों से बातचीत में राउत ने कहा, ‘‘अजीत पवार ने शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपा है। सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ हाथ मिलाना विश्वासघात है।’’

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