रामलीला में हनुमान द्वारा लंका दहन का मंचन किया गया

फरीदाबाद, 6 अक्टूबर। सेक्टर-37 में श्री रामलीला सेवा समिति द्वारा आयोजित रामलीला में शनिवार रात को वनवास के दौरान लंकापति रावण द्वारा माता सीता के अपहरण, भगवान राम द्वारा उनकी खोज व हनुमान द्वारा लंका दहन का मंचन किया गया। इस मौके पर सेक्टर 37 की जी पॉकेट से कमल चौहान, राजेंद्र मावी, चौधरी रतन सिंह, नरेश भारद्वाज, भारती विशेष रूप से उपस्थित रहे, जिनका स्वागत समिति के पदाधिकारियों ने पटका पहनाकर किया। रामलीला में मंचन किया गया कि सीता माता की खोज के लिए प्रभु राम व लक्ष्मण जंगल-जंगल फिरते हैं। रास्ते में उनकी मुलाकात वानरों से होती है। वानर इसकी खबर राजा सुग्रीव को देते हैं जो भाई बाली द्वारा राज्य से निष्कासित कर दिया गये। सुग्रीव राम व लक्ष्मण के बारे में जानकारी जुटाने को अपने होशियार वानर हनुमान को उनके पास भेजते हैं, हनुमान प्रभु राम को पहचान जाते हैं और राजा के पास ले जाते हैं। तब सुग्रीव माता सीता की खोज के लिए उनको हरसंभव मदद का आश्वासन देते हैं और बदले में अपना राज्य पाने की इच्छा व्यक्त करते हैं। जटायु की सूचना के अनुसार सीता को समुद्र पार ले जाने की खबर पर वानर सेनापति अंगद कहते हैं कि हनुमान जी से शक्तिशाली कोई नहीं है और समुद्र को सिर्फ वही लांघ सकते हैं। लेकिन तब हनुमान जी अपनी शक्तियां भूल चुके होते हैं। तब जामवंत हनुमान को उनकी शक्तियां याद दिलाते हैं। शक्तियां याद आने के बाद समुद्र लांघकर वे लंका पहुंच जाते हैं।

यहां वे रावण के राजमहल में सीता को खोजते हैं, पर वे वहां नहीं मिलतीं। इसके बाद उनकी मुलाकात विभीषण से होती है, जो सीता का पता बताते हैं। रात में वे अशोक वाटिका पहुंचते हैं, जहां सीता को विभिन्न राक्षसी डरा रही होती हैं, तभी वहां रावण आता है और उन्हें भय दिखाता है। सीता रावण से कहती हंै कि प्रभु राम उसका लंका सहित संहार कर देंगे। रावण के जाने के बाद हनुमान जी प्रभु राम द्वारा दी गई मुद्रिका सीता के सामने डालते हैं, जिसे वे पहचान लेते हैं। तभी वे अशोक वृक्ष से उतर उनके सामने आ जाते हैं। यहां पर सीता और हनुमान का बड़ा ही मार्मिक संवाद होता है। इसके बाद हनुमान, सीता से अशोक वाटिका में लगे फलों को खाने का निवेदन करते हैं, जिसकी वे आज्ञा दे देती हैं। हनुमान जी रावण के राजउद्यान को तहस-नहस कर देते हैं। जब यह समाचार रावण के मिलता है तो वह अपने पुत्र अक्षय कुमार को भेजता है, जिसका हनुमान वध कर देते हैं। इसके बाद वे अपने शक्तिशाली पुत्र मेघनाद को भेजते हैं, जो हनुमान को नागपाश में बांध लेता है और रावण के राजदरबार में लाता है। यहां पहुंचकर हनुमान रावण को समझाइश देते हैं, लेकिन वह उनकी बात न मानकर उनकी पूंछ में आग लगाने की आज्ञा देता है। पूंछ में आग लगते ही हनुमान पूरी लंका का विध्वंस कर देते हैं। इसके बाद वे वापस लौटकर लंका के बारे में भगवान राम व सुग्रीव को सारी जानकारी देते हैं। रामलीला के डायरेक्टर दीपक सेवरा, अजय गोयल, मंच संचालक संजय सिंगला व राजू शर्मा की देखरेख में राम बने राजू सोकिया, लक्ष्मण बने रामप्रकाश, सीता बने जयप्रकाश, भरत बने सुनील छाबड़ा, शत्रुघ्न बने मोहन, कैकेयी बने घनश्याम, कौशल्या बने प्रकाश रावत, सुमित्रा बने सुमित बेहतरीन अभिनय कर रहे हैं जिनकी दर्शक खूब वाहवाही कर रहे हैं।

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