प्रधानमंत्री ने मथुरा से की ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान की शुरूआत !

मथुरा : 11 सितंबर ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देशव्यापी ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान का शुभारम्भ करते हुए देश की जनता से सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को खत्म करने की अपील की। दो अक्टूबर तक अपने घरों, दफ्तरों को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का आह्वान करते हुए मोदी ने कहा कि प्लास्टिक से उपजे कचरे की समस्या अब गंभीर हो गयी है। यह कचरा पर्यावरण के लिए तो घातक है ही, पशुओं का जीवन भी इस प्लास्टिक की वजह से खतरे में है।उन्होंने एक हजार 59 करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करते हुए पशुधन के संरक्षण से संबंधित कई योजनाओं का शुभारम्भ किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय पशु आरोग्य मिशन शुरू करते हुए कहा, ‘पशुधन हमेशा से भारत की अर्थव्यवस्था का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा रहा है। पशुधन के बिना भारत के गांवों की अर्थव्यवस्था में सुधार सम्भव नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि मथुरा नगरी के लोगों ने हमेशा से प्रकृति एवं पशुओं के संरक्षण, स्वास्थ्य और संवर्धन की दिशा में काम किया है। उन्होंने मथुरा के वेटनरी विश्वविद्यालय में दो दिवसीय पशु आरोग्य मेले का शुभारम्भ किया। इसके साथ ही पशुओं में होने वाली अलग-अलग बीमारियों को रोकने के लिये टीकाकरण कार्यक्रम की भी शुरुआत की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है जो विचारधारा बन गई है। आतंक की जड़ें हमारे पड़ोस में पनप रही हैं। हम इसका मजबूती से सामना कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। उन्‍होंने कहा कि आतंकवादियों को पनाह और प्रशिक्षण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भारत पूर्ण रूप से सक्षम है और हमने करके दिखाया भी है।

उन्होंने कहा, ‘आज का दिन ऐतिहासिक दिन है, लगभग एक सदी पहले विश्व धर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका के शिकागो में ऐतिहासिक भाषण दिया था। लेकिन आज ही के दिन 11 सितंबर (9/11) अमेरिका में ही ऐसा हमला हुआ था जिसे देखकर दुनिया दहल गई थी, उसी अमेरिका में इतना बडा आतंकी हमला हुआ कि दुनिया दहल गयी।’ मोदी ने कहा कि आज आतंकवाद एक विचारधारा बन गयी है जो किसी सरहद से नहीं बंधी है, एक वैश्विक समस्या है जिसकी मजबूत जड. हमारे पडोस में फलफूल रही है। इस विचारधारा को आगे बढाने वालों को, आतंकवादियों को पनाह और प्रशिक्षण देने वालों के खिलाफ आज पूरे विश्व को संकल्प लेने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत अपने स्तर पर इस चुनौती से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है और हमने यह दिखाया भी है और आगे भी दिखायेंगे । आतंकवादी कानून को कडा करने का फैसला भी इसी दिशा में किया गया एक प्रयास है । अब संगठनों का नाम बदलकर अपने कारनामों को नही छुपा पायेंगे । समस्या चाहे आतंक की हो, प्रदूषण की हो, बीमारी की हो, हमें मिलकर इनको पराजित करना है ।’ कान्‍हा की नगरी मथुरा पहुंचे प्रधानमंत्री ने ‘ओम’ और ‘गाय’ के बहाने विपक्ष पर करारा वार किया। उन्‍होंने कहा कि ‘ओम’ शब्‍द सुनते ही कुछ लोगों के कान खड़े हो जाते हैं, कुछ लोगों के कान में ‘गाय’ शब्‍द पड़ता है तो उनके बाल खड़े हो जाते हैं, उनको करंट लग जाता है। उनको लगता है कि देश 16वीं-17 वीं सदी में चला गया है। ऐसे लोगों ने ही देश को बर्बाद कर रखा है। उन्होंने कहा कि भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुधन बहुत मूल्यवान है । कोई कल्पना करे कि पशुधन के बिना अर्थव्यवस्था कैसे चल सकती है ? दक्षिण अफ्रीका के रवांडा का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वहां गांव में लोगों को गाय भेंट में दी जाती है। भेंट की गयी गाय की पहली बछड़ी को सरकार लेती हैं और उन्हें सौंपती हैं जिनके पास गाय नहीं है। इस तरह पूरी श्रंखला चलती रहती है और लोगो की आय का एक हिस्सा बनती है ।

मोदी ने कहा कि ‘आज इन योजनाओं के जरिए मथुरा विश्व के लोगों को पशुधन के बेहतर रखरखाव और संरक्षण की सीख दे सकता है। उन्होंने कहा कि भारत को भगवान कृष्ण से पर्यावरण को बचाने की प्रेरणा मिलती है। जिस प्रकार दूध, दही, माखन, धेनु, प्रकृति, पर्यावरण के बिना बालगोपाल की कल्पना नहीं हो सकती है, वैसे ही गाय के संरक्षण के बगैर समाज का विकास अधूरा होगा।’’ 

इस दिशा में उन्होंने स्टार्ट-अप के जरिए पशुधन संरक्षण में नयी तकनीक लाने पर जोर देते हुए कहा कि आईआईटी, आईआईएम के लोग इस क्षेत्र में आएं और देश के पशुओं को पोषक आहार कैसे मिले इस विषय में अपने सुझाव दें। उन्होंने कहा की देश की समस्यायों का समाधान देश की मिट्टी से ही निकलेगा।

स्वच्छता, पशुधन और बुनियादी ढांचे की कई योजनाओं का लोकार्पण और शुभारम्भ करते हुए मोदी ने कहा कि प्लास्टिक के कचरे से मुक्ति पाने के लिए सभी को सिंगल यूज प्लास्टिक को रोकने में सक्रिय योगदान देना होगा। प्लास्टिक से नदियों, झीलों, तालाबों के जीवों को बहुत नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि महात्मा गाँधी ने प्रकृति और पर्यावरण को सुरक्षित रखने में जो काम किया, हमें उसी काम को आगे बढ़ाना है। आगामी दो अक्टूबर तक सभी लोग अपने घर, दफ्तर, आसपास की जगह को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करें, यही महात्मा गाँधी को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘तकनीकी के जरिए प्लास्टिक के कचरे को रिसायकल किया जाएगा और जो प्लास्टिक का कचरा रिसायकल नहीं किया जा सकता है, उसका इस्तेमाल सीमेंट और सड़क बनाने में किया जाएगा। मोदी ने कहा कि सामान लेने के लिए साथ में झोला लेकर जाएं, सरकारी दफ्तरों में अब प्लास्टिक की बोतलों की बजाय मिट्टी, धातु के बर्तनों की व्यवस्था होनी चाहिए।

इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस प्रकार 2014 में मोदी ने हाथ में झाड़ू लेकर स्वच्छता को जन आंदोलन बनाया उसकी वजह से गंदगी से फैलने वाली बीमारियां दम तोड़ रहीं हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले चार दशकों में मस्तिष्क ज्वर (जापानीज इन्सेफेलाइटिस) की वजह से 50,000 से अधिक बच्चों की मौत हुयी है। पिछली सरकारें जनता की इस पीड़ा को मिटाने के प्रति उदासीन रहीं। लेकिन मोदी द्वारा चलाये गए स्वछता मिशन को उत्तर प्रदेश सरकार ने आगे बढ़ाया और आज इस बीमारी से मरने वाले लोगों की संख्या अपने न्यूनतम स्तर पर है।

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘ मैं योगी जी की सराहना करता हूं, जिस प्रकार उन्होंने इंसेफलाइटिस पर जीत हासिल की है। विगत वर्षों में हजारों बच्चे इंसेफलाइटिस के प्रकोप से मरते थे। योगी जी ने हमेशा इंसेफलाइटिस के खिलाफ लड़ाई लड़ी और संसद में भी इस मामले को बार बार उठाया। आखिर योगी सरकार के सफल प्रयासों के फलस्वरूप आज इस महामारी पर हमें जीत हासिल हुई है। साल 2019 में इस महामारी से मरने वालों की संख्या में भारी गिरावट आई है। जिस प्रकार के आंकड़े आये हैं वह सकारात्मक रूप से चौंका देने वाले हैं।’ शुरू की गयी परियोजनाओं में मथुरा नंदगांव में पर्यटन, सीवर सुदृढ़ीकरण के कार्य, पोतरा कुण्ड मथुरा पर लाइटिंग एवं म्यूजिकल फाउण्टेन की स्थापना, आगरा एवं मुरादाबाद में नाबार्ड योजना से बने पॉलीक्लीनिक, पशु चिकित्सालय, रोग निदान प्रयोगशाला एवं वृहद गो संरक्षण केंद्र, वर्गीकृत वीर्य उत्पादन केंद्र (बाबूगढ़ हापुड़), नोएडा एवं मुरादाबाद डेयरी का पुननिर्माण, कन्नौज डेयरी की स्थापना आदि शामिल हैं । 

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