अभिनव सोच के साथ खोजना होगा कचरा प्रबंधन की समस्याओं का समाधान : प्रो. नरसी राम बिश्नोई

विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाना होगा : कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर

– अपशिष्ट प्रबंधन पर मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम का शुभारंभ

फरीदाबाद, 2 अप्रैल : जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय वाईएमसीए फरीदाबाद के पर्यावरण विज्ञान विभाग ने वसुंधरा इको-क्लब के सहयोग से “अपशिष्ट प्रबंधन और प्रबंधन: रणनीति एवं अभ्यास” विषय पर मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम शुरू किया। लगभग 30 घंटे के कौशल विकास कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षा और व्यावहारिक प्रशिक्षण के माध्यम से अपशिष्ट प्रबंधन की जानकारी प्रदान करना है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में इंजीनियरिंग, विज्ञान और प्रबंधन सहित अंतःविषय पृष्ठभूमि के विद्यार्थी भाग ले रहे हैं।

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में गुरु जम्भेश्वर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई मुख्य अतिथि रहे। सत्र की अध्यक्षता जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने की।

अपने संबोधन में जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी के बीच संतुलन के महत्व पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कचरे में तेजी से हो रही वृद्धि हमारे सामने एक चुनौती है और इसका समाधान शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं को खोजना होगा।

मुख्य अतिथि प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने 3आर – रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकिल के महत्व को साझा किया। उन्होंने विभिन्न प्रकार के कचरे और उनके हानिकारक प्रभावों के प्रति चिंता व्यक्त की। उन्होंने छात्रों को अलग तरीके से सोचने और कचरा प्रबंधन की समस्याओं का समाधान खोजने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया।

इससे पहले, कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई। पर्यावरण विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ. रेणुका गुप्ता ने मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने पाठ्यक्रम के महत्व और सीखने के परिणामों पर प्रकाश डाला और इस बात पर बल दिया कि महानगरों में उत्पन्न होने वाले कचरे के ढेर को पुन: संसाधित किया जा सकता है और अन्य उद्देश्यों के लिए कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है जो सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में एक बड़ा योगदान हो सकता है।

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर श्री आलोक भटनागर ने इस शैक्षणिक और व्यावहारिक कार्यक्रम की जानकारी दी और बताया कि अगले 15 दिनों के कार्यक्रम में अपशिष्ट प्रबंधन और प्रबंधन के लिए नई और अभिनव तकनीक पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम विशेषज्ञों, उद्यमियों और नीति निर्माताओं के साथ बातचीत करके एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए क्षमता निर्माण को बढ़ाएगा।

वसुंधरा इको-क्लब की सदस्य डॉ. प्रीति सेठी ने गणमान्य व्यक्तियों, आयोजन समिति के सदस्यों और सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर आयोजन टीम के सदस्य डॉ. सखी, डॉ. रूपाली, डॉ. नविश कटारिया और डॉ. अनीता गिरधर भी मौजूद थे।

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