नए लेबर कोड श्रम जगत के लिए क्रांतिकारी रहेंगे और विकसित भारत के स्वप्न को साकार करेंगे: अशोक कुमार, प्रदेश अध्यक्ष, बीएमएस

फरीदाबाद 27 नवंबर : गत 21 नवंबर को भारत सरकार के श्रम मंत्रालय ने 4 श्रम संहिताओं को भारतवर्ष के सभी मजदूरों पर लागू कर दिया है। उपरोक्त श्रम कानून के लिए भारतीय मजदूर संघ पिछले कई सालों से संघर्ष कर रहा था। आखिरकार भारतीय मजदूर संघ की मेहनत रंग लाई और 21 नवंबर 2025 को चारों श्रम संहिता लागू कर दी गई है। नए कानून से देश के करोड़ों मजदूर को इसका लाभ मिलेगा खासकर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के अधिकारों की रक्षा ठीक से होगी और श्रमिकों का शोषण भी नहीं होगा।
पहले मजदूरी न्यूनतम वेतन अधिनियम जहां केवल अनुसूचित रोजगार सूची पर ही लागू होता था वेज कोड में यह सभी श्रमिकों पर समान रूप से लागू होगा। वेतन का भुगतान बैंक में किया जाएगा, न्यूनतम वेतन न मिलने पर पहले श्रमिक को 6 महीने के अंदर अंदर शिकायत करनी होती थी इसको बढा कर 3 वर्ष किया गया है। सभी श्रमिकों के लिए अपॉइंटमेंट लेटर अनिवार्य किया गया है। जिससे श्रमिकों का शोषण रुकेगा। ठेकेदार द्वारा कानून का पालन न करने पर मुख्य नियोक्ता को जिम्मेदार किया गया है। बदली कर्मचारियों को अगर 1 वर्ष से ज्यादा के लिए रखा गया तो उसको स्थाई करना होगा। प्रवासी श्रमिकों को आधार से लिंक करके उनकी सामाजिक सुरक्षा की पोर्टेबिलिटी की गई है। निश्चित अवधि रोजगार के लिए एक वर्ष में ही ग्रेच्युटी के पात्र हो जाएंगे जबकि अभी तक 5 वर्ष का रोजगार आवश्यक था। व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य तथा कार्य स्थिति कोड में अगर खतरनाक फैक्ट्री है तो एक श्रमिक के होने पर भी एएसआई का लाभ मिलेगा । उद्योग में चाहे एक श्रमिक काम कर रहा है उसका रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। उद्योगों को अपने श्रमिकों का वेतन आदि का रिकॉर्ड डिजिटल रूप में रखना अनिवार्य होगा। कार्य सुरक्षा में जोखिम की जानकारी श्रमिक को अनिवार्य रूप से मिलेगी। औद्योगिक संबंध को विवाद आधारित से हटाकर संबंध आधारित किया गया है जिससे नियोक्ता और श्रमिक के संबंध प्रगाढ़ होंगे। सभी उद्योगों में ग्रीवेंस कमेटी और वर्क्स कमेटी गठित की जाएगी । अभी तक ट्रेड यूनियनों को मान्यता का प्रावधान नहीं था अभी ट्रेड यूनियनों को मान्यता का प्रावधान किया गया है गीग वर्कर्स और प्लेटफार्म वर्कर्स को पीएफ, ईएसआई आदि का लाभ मिलेगा सामाजिक सुरक्षा के लिए प्रावधान किया गया है।
जहां 20 इससे ज्यादा कर्मचारी है वहां पर ईपीएफ, ईएसआई, इडीएलआई लागू करना अनिवार्य होगा, सभी श्रमिकों का एक वर्ष के अंतराल में मेडिकल चेक अप करना अनिवार्य होगा। खनन श्रमिकों पर एएसआई लागू होगा। नियोक्ता के पंजीकरण/ नामांकन या अंशदान न करने की स्थिति में भी श्रमिक लाभ प्राप्त करने का अधिकार रखेगा। सभी असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए भी सामाजिक सुरक्षा का प्रावधान रहेगा। भारतीय मजदूर संघ ने अपनी कड़ी मेहनत लगाकर केंद्र सरकार से लंबी वार्ता करके चारों श्रम संहिता को लागू करवाया। आने वाले दिनों में मजदूर जगत में एक बहुत बड़ी क्रांति लेकर के यह श्रम कानून आएंगे और विकसित भारत के स्वप्न को साकार करेंगे।



