फिर एक बार प्रभु श्रीराम ने शिव के धनुष को तोड़ा !
फरीदाबाद, 28 सितम्बर। प्रभु श्रीराम ने शिव के धनुष को तोड़ा तो जय श्रीराम के नारे से पूरा रामलीला परिसर गूंज उठा। जनक नंदनी सीता ने प्रभु श्रीराम को वरमाला पहनाई। शहर के नंबर 2 ब्लाक में चल रही जागृति रामलीला कमेटी की रामलीला में शुक्रवार रात को कमेटी के कलाकारों ने धनुष यज्ञ, सीता स्वयंवर व सीता-राम विवाह का शानदार मंचन किया।
इस दौरान दिखाया गया कि एक बार राजा जनक के राज्य में काफी दिनों से बरसात नहीं हुई। चारों तरफ हाहाकार मचा था। राजा जनक को पता चला कि प्रजा दुखी है। उन्होंने राज्य के ब्राह्मणों से मंत्रणा की। राजा ने ब्राह्मणों की आज्ञा मानकर सोने का हल चलाया। हल घड़े से टकराने पर सुंदर कन्या निकली। काफी समय से जनक के घर में भगवान शिव का पुराना धनुष रखा था। किसी कारण से सीता ने उस धनुष को अन्यत्र रख दिया। इसकी जानकारी होने पर जनक ने राज्य में सीता स्वयंवर का आयोजन किया। तय किया कि जो इस धनुष को तोड़ेगा उसी से सीता ब्याही जाएंगी। राज्य के बड़े-बड़े राजाओं को निमंत्रण दिया गया। लंकापति रावण भी स्वयंवर में पहुंचे। सभी राजाओं ने धनुष तोडऩे की कोशिश की लेकिन किसी से धनुष हिला तक नहीं। विश्वामित्र ने अपने शिष्य राम को शिव के धनुष को तोडऩे का आदेश दिया। भगवान राम ने धनुष को तोड़ दिया। आकर्षक लीला को देखकर दर्शक भाव विभोर हो गए।
इस मौके पर कमेटी के प्रधान योगेश भाटिया ने स्वयं भगवान राम का किरदार निभाया जबकि लक्ष्मण का सन्नी आहूजा, सीता का अंकुश, राजा जनक का बिन्टे तथा गुरु विश्वामित्र का डिन्धे ने शानदार अभिनय कर प्रांतों को जीवंत कर दिया।