भाजपा और कांग्रेस की पूर्वांचली वोटरों पर नजर !

हरियाणा ! हरियाणा विधानसभा चुनाव की कुछ सीटों पर पूर्वांचली वोटरों का खास महत्व रहता है। दिल्ली से हरियाणा सटा हुआ है इसलिए कई विधानसभा क्षेत्रों में इस बार पूर्वांचली वोटरों की निर्णायक भूमिका रहती है। इसलिए दोनों बड़ी पार्टियां भाजपा और कांग्रेस भी इन वोटरों पर फोकस कर रही हैं। इसके लिए पार्टियों ने भोजपुरी स्टारों और नेताओं को हरियाणा में प्रचार के लिए उतारने का निर्णय लिया है। हालांकि भोजपुरी स्टारों के मामले में भाजपा का पलड़ा कहीं न कहीं भारी पड़ता है। पार्टी के पास कई भोजपुरी स्टार हैं जो अब नेता बन गए हैं। वहीं कांग्रेस के पास एक दो ही नाम हैं। हरियाणा के करीब 7 जिलों की 25 सीटों पर पूर्वांचली वोटरों का प्रभाव हो सकता है। साइबर सिटी कहे जाने वाले गुरुग्राम और फरीदाबाद की सभी विधानसभा सीटों पर तो पूर्वांचली वोटर नतीजे भी तय करते आए हैं। वहीं सोनीपत, रोहतक, करनाल, पानीपत और अंबाला कैंट एरिया में भी पूर्वांचली वोटर राजनीतिक पार्टियों के लिए काफी अहम साबित होते हैं। पिछले बार रोमांचक मुकाबला राई विधानसभा क्षेत्र में हुआ था। जहां इनेलो के इंद्रजीत दहिया कांग्रेस के जयतीर्थ दहिया से महज 3 वोट से हारे थे। जबकि राई विधानसभा के 13 से 14 हजार वोट पूर्वांचली हैं।

इस बार हरियाणा के चुनाव में भाजपा के पास कई स्टार प्रचारक हैं। जिसमें सांसद मनोज तिवारी की अगुवाई में कई कलाकार भाजपा के लिए प्रचार करने आ रहे हैं। इसके अतिरिक्त रवि किशन, दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ भी आएंगे। अभिनेता सन्नी दिओल भी प्रचार के लिए आएंगे। वहीं भाजपा हरियाणा में सपना चौधरी का भी सहारा प्रचार के लिए ले सकती है। अगर बात कांग्रेस की करें तो इस बार कांग्रेस के पास भोजपुरी फिल्मों का कोई भी बड़ा चेहरा तो नहीं है, लेकिन इसकी कमी दूर ‘बिहारी बाबू’ शत्रुघ्न सिन्हा दूर कर सकते हैं। इसके साथ ही बॉलीवुड और भोजपुरी फिल्मों में काम करने वाली नगमा भी मैदान में उतरेगी। पूर्वांचल के मतदाताओं की भूमिका को देखते हुए ही क्षेत्रीय दल भी इनको अपनी तरफ खींचना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने यूपी और बिहार के विभिन्न दलों के उन नेताओं से संपर्क करना शुरू कर दिया है, जिनका पूर्वांचल के लोगों पर सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव है।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!