वायु प्रदूषण के नाम पर उद्योगपतियों को तंग किया जा रहा

फरीदाबाद/गुरुग्राम (मदन लाहौरिया) 14 नवंबर। केंद्रीय पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा कोयला आधारित उद्योगों को बंद करने के आदेश को गैर व्यवहारिक बताते हुए फरीदाबाद व गुरुग्राम के उद्यमियों ने इन आदेशों के विरोध में ताल ठोंक दी है! फरीदाबाद व गुरुग्राम के उद्योगपति सरकार के इस फैसले से काफी खफा है और उन्होंने इन आदेशों के विरोध का ऐलान कर दिया है! आरोप है कि सरकार के ये आदेश गैर व्यवहारिक है जिससे उद्योगों की परेशानियां बढ़ गई हैं! फैक्ट्री मालिकों का कहना है कि कोयला आधारित उद्योगों को बिना जनरेटर के चलाया जाना एक बहुत बड़ी समस्या है! यदि कुछ देर के लिए बायलर बंद होता है तो करोड़ों का माल स्क्रैप बन जाता है! इस के विकल्प के रूप में सरकार पीएनजी की ढांचागत सुविधाएं ही विकसित नहीं कर पाई तो उद्योगों को बंद करने का फरमान बिलकुल अव्यवहारिक है! उद्यमियों का कहना है कि जब से औद्योगिक इकाइयों में डीजल जेनरेटर चलाने पर पाबंदी, गैर सीएनजी बायलर संचालन और कोयला आधारित इंडस्ट्री को बंद रखने के निर्देश ईपीसीए ने दिये है, तब से औद्योगिक कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुआ है! औद्योगिक विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले लगभग एक माह से वायु प्रदूषण के नाम पर उद्योगों को करोड़ों रुपयों का नुकसान उठाना पड़ रहा है!
इस विषय में जब फरीदाबाद की रिचा इंडस्ट्री के मालिक सुभाष गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि केंद्रीय व प्रदेश सरकार उद्योगपतियों को वायु प्रदूषण के नाम पर बार बार तंग कर रही है! इनके पास ऐसी कोई भी ठोस योजना नहीं है कि वायु प्रदूषण का सटीक उपाय हो सके! उन्होंने बताया कि कोयला आधारित उद्योगों में पहले परिवर्तन करवा के पैट कोक इस्तेमाल करने के लिए सिस्टम बनवाया गया फिर उसके बाद दोबारा से पुराने कोयले वाले सिस्टम को ही लागू कर दिया गया और फिर तीसरी बार परिवर्तन करते हुए पीएनजी सिस्टम को लागू करवाने के आदेश दिए गए परंतु पीएनजी सिस्टम की कोई भी सुविधा अभी तक नहीं दी गई!
सुभाष गुप्ता ने सरकार पर सीधे-सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि उद्यमियों से बार-बार परिवर्तन करवा करके कोयला आधारित उद्योगों को करोड़ों रुपयों का कर्जवान बनवा दिया क्योंकि हर परिवर्तन पर लाखों से लेकर करोड़ों रूपये लगे और उद्योगपति कर्जवान हो गए! सरकार ने जानबूझ कर तकनीकी सिस्टम को फेल किया और अब उद्यमियों के उद्योग बंद करवा करके पूर्णतया कंगाल बनाने की तैयारी कर दी! सुभाष गुप्ता ने बताया कि फरीदाबाद व गुरुग्राम की हजारों फैक्ट्रियां बंदी के कगार पर हैं! इसी प्रकार पानीपत की हजारों फैक्ट्रियों को भी ताले लग गए हैं व लाखों कर्मचारी बेरोजगार होने की स्थिति में हैं!