सरकारी स्कूलों की खस्ता हालात को देखते हुए हाईकोर्ट हुई सख्त
गुरुग्राम (मदन लाहौरिया) 25 नवंबर। हरियाणा के सभी जिलों में सरकारी स्कूलों की खस्ता हालात देख कर तो रोना आता है! हरियाणा की भाजपा सरकार इतनी निक्क्मी हो गई है कि गरीब बच्चों के पढऩे के लिए गावं देहातों के सरकारी स्कूलों की खस्ता हालात को पिछले पांच सालों के अपने राज्यकाल में सुधारने का कोई भी प्रयास नहीं किया! सरकारी स्कूलों को कई जगह बंद करने के तो आदेश दे दिए परंतु सरकारी स्कूलों की खस्ता हालात को सुधारने की बजाय हरियाणा में निजी स्कूलों की दुकानदारी बड़ी भारी संख्या में बढ़ा दी गई! इसके पीछे बड़े उद्योगपतियों का भाजपा सरकार के साथ खुलमखुल्ला हाथ मिला हुआ था!
ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने एक जनहित याचिका हरियाणा पंजाब हाईकोर्ट में लगाई हुई थी जिसमें फरीदाबाद जिला के आठ खस्ता हालात के सरकारी स्कूलों की इमारत नई बनवाने के लिए हरियाणा सरकार को आदेश देने की गुजारिश की हुई थी! इस विषय में जब ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हरियाणा स्कूल शिक्षा के प्रधान सचिव महावीर सिंह ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में शपथ पत्र दाखिल कर के बताया कि फरीदाबाद के आठ सरकारी स्कूलों की कंडम हो चुकी बिल्डिंग व खस्ताहाल हो चुके कमरों को नया बनाने के के लिए आदेश दे चुके हैं और इस के लिए बजट भी तय कर दिया गया है!
कैलाश शर्मा ने आगे बताया कि फरीदाबाद के आठ खस्ताहाल स्कूलों की नई इमारत बनाने के लिए लगभग 21 करोड़ रूपये की धनराशी आ चुकी है! उन्होंने बताया कि ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन पूरे हरियाणा प्रदेश के भिन्न-भिन्न जिलों का दौरा कर के सरकारी स्कूलों की खस्ताहाल इमारतों को नया बनवाने के लिए एक सर्वे रिपोर्ट तैयार कर के हाईकोर्ट में आगामी तारीख 6 फरवरी को पेश करेगी ताकि प्रदेश के दूसरे अन्य जिलों के खस्ताहाल सरकारी स्कूलों की इमारतें भी नई बनवाई जा सके!
दूसरी ओर जब जन शिक्षा अधिकार मंच के गुरुग्राम जिला संयोजक ईश्वर नास्तिक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गुरुग्राम जिले के भी बहुत से सरकारी स्कूलों की इमारतें खस्ताहालत में हैं! इन खस्ताहालात स्कूलों को ढूंढ कर नई इमारत बनवाने की सरकार से गुजारिश की जाएगी! ईश्वर नास्तिक ने आगे बताया कि गुरुग्राम से लगते हुए नूहं, पुन्हाना व नगीना के इलाके में भी सरकारी स्कूलों की हालात बहुत खस्ता है! रेवाड़ी के रालियावास के सरकारी स्कूल में खस्ताहाल स्थिति के अलावा पढ़ाने के लिए अध्यापक बहुत कम है!
मजदूर नेता राजेंद्र सरोहा से जब बात की गई तो उन्होंने इस विषय पर साफ शब्दों में कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार गरीब व मजदूर तथा वंचित वर्ग के बच्चों को पढ़ाने की सुविधा नहीं देना चाह रही! पिछले पांच वर्षों में प्रदेश के कई सरकारी स्कूल बंद कर दिए गए हैं! निजी स्कूलों को बढ़ावा देने के लिए ही हरियाणा सरकार ने सरकारी स्कूलों को जानबूझ कर खस्ताहाल स्थिति में छोड़े रखा! राजेंद्र सरोहा ने आगे कहा कि हाईकोर्ट के भय से ही हरियाणा सरकार सरकारी स्कूलों के खस्ता हाल की सुध लेने की सोच रही है! हिसार के किसान नेता और ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़े हुए चंद्रभान काजला से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता तो कभी भी गावं देहातों के स्कूलों की स्थिति देखने जाते ही नहीं! सरकार क्या समझेगी ग्रामीण बच्चों का दु:ख कि किस जर्जर अवस्था के स्कूलों में हरियाणा के ग्रामीण बच्चे पढ़ रहे हैं! चंद्रभान काजला ने सीधे-सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार केवल आरएसएस की संस्थाओं के स्कूलों को पूरे हरियाणा प्रदेश में फैलाने का काम कर रही है! इस वक्त प्रदेश में भाजपा सरकार केवल अमीरों के स्कूलों का ही ख्याल रख रही है! गरीबों की पढ़ाई का तो भाजपा को ख्याल ही नहीं!