एनपीटीआई में जल्द खुलेगा ऊर्जा परिवर्तन के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस)

दिल्ली में एनपीटीआई और जर्मन की जीआईजेड के बीच हुई कार्यशाला आयोजित

– ऊर्जा में हो रहे परिवर्तन पर शोध करेंगे कर्मचारी और विद्यार्थी – डॉ. तृप्ता ठाकुर

फरीदाबाद : विद्युत मंत्रालय भारत सरकार के राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण संस्थान (एनपीटीआई) और जर्मनी की कंपनी डॉयचे गेसेलशाफ्ट इंटरनेशनेल जुसामेनारबीट (जीआईजेड) के बीच फरीदाबाद में ऊर्जा परिवर्तन के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस COE) की स्थापना करने के लिए एक सहयोगात्मक कार्यशाला आयोजित की गई। यह कार्यशाला दिल्ली के नेहरू पैलेस में आयोजित हुई। फरीदाबाद में बनने वाले ऊर्जा परिवर्तन के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस COE) को लेकर पावर सेक्टर से जुड़े हुए दर्जनों हितधारकों से परामर्श लिया गया।

एनपीटीआई की महानिदेशक डॉ. तृप्ता ठाकुर ने कार्यशाला के दौरान कहा कि जीआईजेड के सहयोग से ऊर्जा परिवर्तन के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस COE) जल्द एनपीटीआई कॉर्पोरेट कार्यालय सेक्टर – 33 फरीदाबाद में स्थापित किया जाएगा। जो उर्जा क्षेत्र से जुड़े उन कर्मचारियों और विद्यार्थियों के लिए सार्थक साबित होगा जो ऊर्जा में लगातार हो रहे परिवर्तन पर शोध करना चाहते हैं, ऊर्जा में होने वाले परिवर्तन को समझना चाहते हैं। चाहे वो भविष्य में आने वाले स्मार्ट मीटर हों, स्काडा तकनीकी हो या फिर सिम्युलेटर।

जैसा कि आपको ज्ञात है कि सैकड़ों सालों से कोयला, पेट्रोल और डीजल से जीवाश्म ईंधन पर ही पूरी दुनिया निर्भर है। जिसके चलते लगातार तापमान में बढ़ोतरी हो रही है और जलवायु परिवर्तित हो रहा है। ऐसे में अगर जल्द ऊर्जा के साधनों में परिवर्तन नहीं किया गया तो जलवायु पूरी तरह से बदल जाएगा। हमें जल्द सोलर उर्जा, बायोमास और जीओथर्मल उर्जा को बढावा देकर इसे अपनाना होगा। भारत ने भी 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता जोड़ने की प्रतिबद्धता जताई है।

बिजली उत्पादन के मामले में भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर है (440 गीगावाट) और ट्रांसमिशन सिस्टम भी कई देशों से बेहतर है। हालांकि हमारी वितरण प्रणाली में सुधार की जरूरत है और इसी वजह से मंत्रालय आरडीएसएस योजना के जरिए वित्तीय सहायता दे रहा है।

जीआईजेड में डिस्कॉम के साथ ऊर्जा परिवर्तन के प्रमुख कुलदीप शर्मा ने आईजीईएन – डिस्कॉम के साथ ऊर्जा परिवर्तन परियोजना की शुरुआत की। इस कार्यशाला में सीईए से सदस्य के रूप में ए. के. राजपूत, एमएनआरई से सलाहकार श्री ए.के. त्रिपाठी, एमवीएनएनएल से वाणिज्यिक श्री योगेश कुमार, सचिन तालेवार, निदेशक (तकनीकी), हरीश सरन, कार्यकारी निदेशक, पीटीसी, सुरजीत बनर्जी, ईडी- ग्रिड इंडिया, अभय कुमार, प्रमुख (इंजीनियरिंग), पीजीसीआईएल, प्रो. अभिजीत आर अभियांकर, आईआईटी दिल्ली, प्रो. अंकुश शर्मा, आईआईटी कानपुर, विजय मेंघानी, मुख्य अभियंता, सीईए और डीईआरसी, आईईएक्स, ईएंडवाई, टीआईएलए, फाउंडेशन, गुजरात पावर रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल, पीजीवीसीएल, आर्टेक सोलोनिक्स लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी ऊर्जा संक्रमण के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) के लिए हितधारक सलाहकार बोर्ड की बैठक में शामिल रहे।

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