धारा-370 पर जमकर बोले जेपी नड्डा !

कुरुक्षेत्र। हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने जाहिर कर दिया है कि धारा 370 के मुद्दे को वे चुनाव में भूनाने का पूरा प्रयास करेंगे। इसकी बानगी सोमवार को कुरुक्षेत्र में देखने को मिली, जहां दो दिन के हरियाणा प्रवास पर आए भाजपा कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर विपक्ष और वहां के क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को घेरा। नड्डा ने कहा कि धारा 370 हटने पर लोग खुश हैं। जम्मू-कश्मीर में जहां गुर्जर भाई रहते हैं, बकरवाद भाई रहते हैं, वे सब राष्ट्रभक्त हैं। बार्डर की रक्षा गुर्जर भाईयों व बकरवाद भाईयों ने की है। बार्डर की रक्षा लद्दाख वालों ने की है। हजारों ने प्राण दिए हैं। लेकिन जम्मू-कश्मीर लोकसभा और विधानसभा में राजनीतिक आरक्षण नहीं है। नड्डा ने सीधे-सीधे कहा कि जम्मू-कश्मीर के तीन परिवार नहीं चाहते कि ऐसा हो। उन्होंने कहा कि परिसीमन में अब करीब 9 सीटें विधानसभा और 1 से 2 सीटें लोकसभा की बढ़ेंगी जो शैड्यूल ट्राइब को जाएंगी।
नड्डा ने कहा कि जनता की चुनाव में अंगुली की ताकत ने हमारी अंगुली को ताकत दी। राज्यसभा में 5 अगस्त 2019 के दिन जब मैं राज्यसभा में बटन दबा रहा था तो ये सोच रहा था कि ईश्वर कितना मेहरबान है, कि इस काम में मेरी अंगुली काम आई। तब 370 को खत्म करने की घोषणा हुई। नड्डा ने कहा कि शाह की रणनीति देखिए कि हमारे खुद के 74 राज्यसभा सांसद थे। शिवसेना और अकाली दल के मिलाकर 84 से ज्यादा वोट नहीं मिलने थे लेकिन धारा 370 हटाए जाने पर 125 वोट मिले। 51 लोगों ने सदन से बाहर जाकर समर्थन किया तो 41 ने सदन के अंदर रहकर समर्थन किया।
जम्मू-कश्मीर पर परमानेंट रेजिडेंस सर्टिफिकेट (पीआरसी) पर बोलते हुए नड्डा ने कहा कि कश्मीर की बहनें वहां से बाहर के किसी राज्य के लडक़े से शादी कर लेती थी तो उसका और बच्चों को प्रॉपर्टी पर से अधिकार खत्म हो जाता था। कोर्ट ने कहा कि इस पर कानून बनाओ तो मुफ्ति मोहम्मद सईद इस पर बिल ले आए और इस बिल का समर्थन उमर अब्दुल्ला ने किया। नड्डा ने कांग्रेस के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे पास तो मोदी और शाह जैसे नेता है लेकिन दूसरों का हाल देखिए या तो उनके नेता जेल पर हैं, या बेल पर हैं। या तो वकीलों के चक्कर लगा रहे हैं या एजेंसियों के चक्कर लगा रहे हैं। उनकी न तो नीयत है, न नीति है और कार्यकर्ता तो रहे ही नहीं।