श्री धार्मिक लीला कमेटी में रामजन्म व ताडक़ा वध हुआ : हरीश चन्द्र आज़ाद
फरीदाबाद : श्री धार्मिक लीला कमेटी के निर्देशक हरीश चन्द्र आज़ाद ने बताया कि कल रात मंच पर रामजन्म और ताडक़ा का वध हुआ। उन्होंने बताया कि सबसे पहले पूर्व मंत्री ए सी चौधरी ने रिबन काटकर रामलीला का उद्वाटन किया। उसके बाद रामलीला के मंच पर दशरथ का किरदार निभा रहे पंकज खरबंदा के गुरू वशिष्ठ बने संचित के कहने पर पुत्रश्रेष्ट यज्ञ करवाया तब प्रभूराम का जन्म हुआ तथा राम के साथ-साथ भरत, लक्ष्मन व शत्रुघ्र का भी जन्म हुआ। इस खुशी में मंच पर अनिल नागपाल व गुलशन नागपाल ने रामजन्म की बधाई गाई। निर्देशक ने बताया कि हमारे मंच की यह प्रथा रही है कि जब ऋृंगीऋृषि पुत्रश्रेष्ट यज्ञ करते हैं तो जो प्रसाद के रूप में फल रानियों को बांटे जाते हैं वह फल कुछ दर्शक भी उस फल की मांग करते हैं क्योंकि उनका विश्वास बन गया है कि इससे उनके यहाँ भी संतान होगी और ऐसा कई बार हुआ भी है। आज का मुख्य व किसी भी रामलीला में पहली बार दिखाया गया कि ताडक़ा की शवयात्रा दर्शको के बीच में से निकाली गई।
अगले दृश्य में राक्षस गुरू विश्वामित्र का यज्ञ भंग करते हैं जिससे विश्वामित्र की भूमिका निभा रहे अमित नागपाल क्रोधित होकर दशरथ के पास जाते हैं और छोटे राम काव्य खरबंदा व छोटे लक्ष्मन पारस खरबंदा को साथ ले जाते हैं राक्षसों को मारने के लिये जहाँ सबसे पहले उनका सामना मारीच की माता ताडक़ा से होता है जिस युद्व में ताडक़ा का वध हो जाता हेै। ताडक़ा का किरदार निभा रहे राजू खरबंदा ने दर्शको के बीच से दर्शकों को डराते हुए आना दर्शकों को बहुत पंसद आया। ताडक़ा ने अपनी कला का भरपूर नमूना पेश किया। उसके बाद मारीच बने मनीष बत्तरा व सुबाहू बने हार्दिक बत्तरा का राम व लक्ष्मन से युद्व होता है जिसमें सुबाहू मारा जाता है और मारीच अपनी जान बचाकर भाग राता है।