अशोक तंवर ने दिखाए बागी सुर !

चंडीगढ़ ! हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में टिकटों को लेकर घमासान मच गया है। तंवर और हुड्डा की लड़ाई दिल्ली की सड़कों तक पहुंच गई है। टिकटों के बंटवारे में अनदेखी के चलते पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. अशोक तंवर ने अपने समर्थकों को दिल्ली बुलाकर नारेबाजी करवाई है।
कांग्रेस मेनीफेस्टो कमेटी की चेयरमैन किरण चौधरी ने भी तेवर दिखाए। इसके अलावा कुमारी सैलजा के साथ अंबाला संसदीय सीट को लेकर फंसा पेंच अभी तक नहीं निकला है। ऐसे में कांग्रेस भाजपा से मुकाबला करने से पहले अपने घर की राजनीति में जूझ रही है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने बुधवार रात 12:07 बजे 84 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी। इससे पहले दिन में कांग्रेस की अंतर्कलह पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष साेनिया गांधी के दरवाजे तक पहुंच गई थी। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशाेक तंवर ने 5 कराेड़ रु. में टिकट बेचने का अाराेप लगाते हुए समर्थकाें के साथ 10 जनपथ स्थित साेनिया के घर के सामने प्रदर्शन किया। साथ ही समर्थकों को नॉमिनेशन के लिए फाॅर्म तैयार करने को कहा है। उन्होंने कांग्रेस विधायकों को निकम्मा कहा और दावा किया कि इनकी हालत देख लेना। उन्होंने कहा, ‘जब भाजपा में मंत्रियों व विधायकों की टिकट कट सकती है तो इन निकम्मों की क्यों नहीं काटी जा सकती।’ उन्होंने कहा, ‘गुड़गांव के सोहना विधानसभा के लिए कांग्रेस का टिकट 5 करोड़ रुपए बेचा गया है। सीटों के बंटवारे में धांधली चल रही है।’
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कुछ लाेगाें ने राेहतक में कहा था कि कांग्रेस रास्ते से भटक चुकी है। जब उन्हें कुछ दे दिया जाता है ताे पार्टी सही रास्ते पर अा जाती है। कांग्रेस की आलोचना करने वालाें काे टिकट क्याें दिए जा रहे हैं? उन्होंने हुड्डा और प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मेरे पीछे सभी विधायकों को लगा दिया था। इनका नारा तंवर हटाओ था। ये कहते थे कि मैंने संगठन नहीं बनाया। अब तो ये बन गए।
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में नेताओं ने कांग्रेस में पैसे लेकर टिकटे बांटने के भी आरोप लगाए हैं, जिसके चलते देर शाम तक कांग्रेस की सूची नहीं फाइनल हो सकी। हालांकि देर रात कांग्रेस ने अपने 84 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी। अंबाला से पूर्व विधायक निर्मल सिंह और उनकी बेटी चित्रा सरवारा के टिकट को लेकर अड़ी कुमारी सैलजा अभी भी उनका टिकट कटवाने पर अड़ी हैं। अंबाला कैंट सीट कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच फंसकर रह गई है। हुड्डा यहां से अपने करीबी पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की बेटी चित्रा को टिकट दिलाना चाह रहे हैं तो सैलजा अपना लोकसभा क्षेत्र होने के कारण अपने नजदीकियों व विश्वासपात्रों को टिकट देना चाह रही हैं। इसलिए कैंट सीट पर उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है। टिकट वितरण में हुड्डा की चली है और वह अपने करीबियों को टिकट दिलाने में सफल हुए हैं। ऐसे में टिकट वितरण पर उंगली उठा रहे पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर की नाराजगी और बढ़ सकती है। तंवर ने टिकट के लिए 80 समर्थकों की सूची हाईकमान को सौंपी थी।