जीवा में प्रदूषण रहित, सुरक्षित व सुसंस्कृत विधि से दीपावली मनाई

फरीदाबाद 25 अक्टूबर। सैक्टर-21बी स्थित जीवा पब्लिक स्कूल के प्रांगण में प्रार्थना सभा के दौरान दीपावली का त्योहार प्रदूषण रहित व सुरक्षित ढंग से मनाने का संदेश दिया। इस त्योहार में भी दिपावली के त्योहार की विशेषता बताई गई एवं धनतेरस के अवसर पर भगवान धनवंतरी के अवतार लेने की कथा से भी अवगत कराया गया। अध्यक्ष ऋषिपाल चौहान ने उपस्थित सभी छात्रों एवं अध्यापकों को दीपावली का अर्थ भी समझाया एवं इसके मनाने के कारणों से भी अवगत किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ लक्ष्मी एवं गणेशजी की पूजा अर्चना से किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के अध्यक्ष, उपाध्यक्षा एवं संयोजिकाओं ने मिलकर विधिपूर्वक पूजा करके किया। इसके उपरान्त छात्रों ने दीपावली के अवसर पर अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। छात्रों ने दिवाली के कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए एक सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया एवं दीपावली के कार्यक्रम को अत्यंत मनमोहक बना दिया। इसके अलावा छात्रों ने एक लघु नाटिका प्रस्तुत की जिसमें छात्रों ने देश को प्रदूषण मुक्त करने के लिए अनुरोध किया व उन्होंने पटाखे जलाने से मना किया एवं उनसे होने वाली हानियों के विषय में बताया। छात्रों ने पटाखों से होने वाली क्षति के बारे में बताया साथ ही प्राकृतिक संसाधनों एवं अन्य जीव-जन्तुओं को पहुँचने वाले नुकसान से अवगत कराया। नाटक के द्वारा यह संदेश दिया गया कि हमें दिवाली पर माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं परन्तु हम पटाखे जलाकर पर्यावरण को क्षति पहुँचाते हैं। आज विद्यालय में दिपावली का त्योहार एक विशेष थीम के अनुसार मनाया गया जिसमें छात्रों ने पटाखे रहित एवं सुरक्षित दिवाली मनाने का संदेश दिया। छात्रों ने अपनी-अपनी कक्षा में रंगोली बनाई व वेस्ट सामग्री से साज सज्जा की।

इस अवसर पर छात्रों को विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए भी पुरस्कृत किया गया। ये सभी छात्र अंतर विद्यालय प्रतियोगिताओं के अंतर्गत विजयी हुए। छात्रों ने खेल, भाषण, भजन प्रतियोगिताओं के दौरान अपनी उत्कृष्टï प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर स्कूल के अध्यक्ष ऋषिपाल चौहान तथा उपाध्यक्षा चंद्रलता चौहान ने सभी छात्रों और अध्यापिकाओं को दीपावली की शुभकामनाएं दी। श्री चौहान ने कहा कि ज्ञान का दीप जलाना चाहिए, यही ज्ञान का दीप हमें उन्नति के शिखर पर ले जाता है। हमें अपनी संस्कृति को समझना व जानना चाहिए। भारत में प्रत्येक त्योहार, रीति व परंपरा का कोई न कोई वैज्ञानिक आधार है, अत: उसके महत्व को जानना चाहिए व देश की उन्नति के लिए प्रयास करने चाहिए साथ ही उन्होंने धनतेरस के महत्व को बताया। दीपावली का अर्थ समझाया, ज्ञान और बुद्घि में सामंजस्य बिठाए रखने की बात बताई एवं अपनी संस्कृति से जुड़े रहने का कारण भी बताया।

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