तेज़ी से बदलती दिनचर्या एवं खानपान की भारी कीमत हृदयरोग : डॉ घनश्याम वत्स
फरीदाबाद 29 सितम्बर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के आयाम जिज्ञासा द्वारा इंद राष्ट्राय फाउंडेशन के सहयोग से विश्व हृदय दिवस के उपलक्ष्य में सुकृति वृद्धाश्रम, फरीदाबाद में एक मेडिकल कैम्प का आयोजन किया गया। कैम्प में ‘हृदय रोगों का आयुर्वेद द्वारा बचाव’ विषय पर जिज्ञासा केंद्रीय समिति के संरक्षक एवं उत्तर भारत के प्रभारी प्राध्यापक डॉ घनश्याम वत्स ने बताया कि तेज़ी से बदलती दिनचर्या एवं खानपान की हमे भारी कीमत हृदय रोग के रूप में चुकानी पड़ रही है।
केवल कोलेस्ट्रॉल को दोष देकर पीछा नही छूटने वाला। असली कारण हमारा बिगड़ता खानपान ही है। एक हद तक तो शरीर हमारी इन गलतियों को सहन करता है और कुछ नही बोलता। दिन रात काम करते हुए स्थिति को संभालने की कोशिश करता है। मगर जब हम नही सुधरते और गलत आहार विहार जारी रखते हैं, तो शरीर हाथ खड़े कर देता है और हम स्वयं को बिमारियों के बीच पाते हैं। यदि हम स्वयं का आत्मावलोकन करें और प्रकृति के नियमों के अनुसार चलें तो हृदय रोग जैसे गंभीर रोगों से न केवल बच सकते बल्कि हो जाने पर इन जैसे घातक रोगों के चंगुल से छूट भी सकते हैं। नियमित व्यायाम, योग, सात्विक आहार, सक्रिय जीवन शैली एवं आवश्यकतानुसार पूरी नींद के द्वारा हम स्वयं को चुस्त दुरुस्त बनाये रख सकते हैं।
Aqual Biotech के डायरेक्टर गौरव खंडूजा ने बताया कि हृदय रोग हमें चेतावनी देते हैं यदि हम इन इशारों को समझ कर चेत जाएं तो विज्ञान ने आज इतनी तरक्की कर ली है कि हृदय रोगों का सम्पूर्ण इलाज भी संभव है और रोगी बिल्कुल स्वस्थ जीवन जी सकता है।
इंद राष्ट्राय फाउंडेशन के रवि डाबले ने इस मेडिकल कैम्प के आयोजन में सहयोगी सभी संस्थाओं विशेषकर जी. एस. आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज का हृदय से आभार व्यक्त किया। कैम्प में 27 हृदय रोगियों की ईसीजी, शुगर, बी.पी. जांच की गयी एवं परामर्श दिया गया। इस अवसर पर इंद राष्ट्राय के राकेश प्रकाश, योगाचार्य डॉ प्रदीप शर्मा, सुरेंद्र कुमार, भरत सिंह एवं आश्रम के व्यवस्थापक विपिन सहित अनेक पदाधिकारी एवं स्वयंसेवक उपस्थित रहे।