सूर्पनखा की नाक काटने के दृश्य का मंचन किया गया

फरीदाबाद, 5 अक्टूबर। सेक्टर-37 में श्री रामलीला सेवा समिति द्वारा आयोजित रामलीला में लंका पति रावण की बहन सूर्पनखा की नाक काटने के दृश्य का मंचन किया गया।
रामलीला के दौरान दिखाया गया कि वनवास के दौरान राम, सीता और लक्ष्मण ने कई असुरों का संहार किया और कई पवित्र और अच्छे लोगों से भी वे मिले। वे वन चित्रकूट में एक कुटिया बनाकर रहने लगे। एक बार की बात है लंका के असुर राजा रावण की छोटी बहन सूर्पनखा ने राम को देखा और वह उन पर मोहित हो गई। उसने राम को पाने की कोशिश की पर राम ने उत्तर दिया – मैं तो विवाहित हूँ, मेरे भाई लक्ष्मण से पूछ के देखो। तब सूर्पनखा लक्ष्मण के पास जाकर विवाह का प्रस्ताव रखने लगी। पर लक्ष्मण ने साफ इनकार कर दिया। तब सूर्पनखा ने क्रोधित होकर माता सीता पर आक्रमण कर दिया। यह देखकर लक्ष्मण ने चाकू से सूर्पनखा की नाक काट दी। कटी नाक के साथ रोते हुए जब सूर्पनखा लंका पहुंची तो सारी बातें जाकर रावण को बहुत क्रोध आया। उसके बाद रावण ने सीता हरण की योजना बनाई।

योजना के तहत रावण ने मारीच राक्षस को चित्रकूट के कुटिया के पास एक सुन्दर हिरण के रूप में भेजा। जब मारीच को माता सीता ने देखा तो उन्होंने श्रीराम से उस हिरण को पकड़ के लाने के लिए कहा। सीता की बात को मानकर राम उस हिरण को पकडऩे उसके पीछे-पीछे गए और लक्ष्मण को आदेश दिया कि वो सीता को छोडक़र कहीं ना जाएं। बहुत पीछा करने के बाद राम ने उस हिरण को बाण से मारा। जैसे ही राम का बाण हिरन बने मारीच को लगा वह अपने असली राक्षस रूप में आ गया और राम की आवाज में सीता और लक्ष्मण को मदद के लिए पुकारने लगा। तब सीता ने लक्ष्मण को भाई की मदद के लिए भेजा। लक्ष्मण के कुटिया से जाते ही रावण साधु के भेष में आकर भिक्षा मांगता है और सीता के बाहर आने पर उनका अपहरण कर लेता है।

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