मानवाधिकार मिशन के कैंप कार्यालय में नई कार्यकारिणी का हुआ गठन

फरीदाबाद : मानवाधिकार संरक्षण और जनहित के कार्यों में निरंतर सक्रिय मानवाधिकार मिशन के ओल्ड, फरीदाबाद स्थित कैंप कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें संगठन की नई कार्यकारिणी का गठन सर्वसम्मति से किया गया। यह बैठक संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों और सदस्यों की उपस्थिति में सम्पन्न हुई, जिसका उद्देश्य संगठन की कार्यप्रणाली को और अधिक सुदृढ़, पारदर्शी और जन-हितैषी बनाना है।
इस बैठक की अध्यक्षता संगठन के अध्यक्ष डॉ महेंद्र शर्मा ने की। उन्होंने बैठक की शुरुआत करते हुए बताया कि हमारा मिशन एक न्यायसंगत और समावेशी समाज का निर्माण करना है, जहाँ हर व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के उसके मौलिक अधिकार मिलें।
संगठन को और अधिक व्यवस्थित एवं मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी कुछ आवश्यक बदलाव करने होंगे। सर्वसम्मति से निम्नलिखित पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई जिसमें – वरिष्ठ उपाध्यक्ष: महेंद्र जनमेदा, उपाध्यक्ष: वी.पी. शर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष: भारत भूषण शर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष: दिनेश अग्रवाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष: आनंद गुप्ता, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष: संजीव खत्री, राष्ट्रीय विधि सचिव: एडवोकेट के.पी. सिंह, राष्ट्रीय विधि सचिव: निब्रास अहमद, राष्ट्रीय विधि सचिव: जितेंद्र उपाध्याय, राष्ट्रीय विधि सचिव: एडवोकेट राजेश खटाना, राष्ट्रीय विधि सचिव: मोहम्मद इमरान, राष्ट्रीय संगठन सचिव: यशपाल सिंह, राष्ट्रीय संगठन सचिव: आदेश चतुर्वेदी, राष्ट्रीय संगठन सचिव: चतर सिंह भाटी, राष्ट्रीय संगठन सचिव: वी.के. तोमर, कल्याण सचिव: एस.जे. रहमान, संगठन सचिव: विजय मंगला, प्रवक्ता: अरुण देव द्विवेदी, महासचिव: रूप किशोर, कोषाध्यक्ष: हरिओम, कार्यक्रम सचिव: हरीश कपूर, हेल्थ एंड वेलफेयर सचिव: डॉ. बी.के. सिंह, एग्जीक्यूटिव मेंबर: अशलूब खान, संगठन सचिव: दीपक मित्तल, एग्जीक्यूटिव मेंबर: बृजभूषण गोयल, मीडिया प्रभारी शकुन रघुवंशी मीडिया सचिव: किशोर शर्मा, मीडिया सचिव: जीतेंद्र बेनीवाल, मीडिया सचिव: सुभाष शर्मा, सभी नव-नियुक्त पदाधिकारियों को संगठन की ओर से नियुक्ति पत्र और फूलों का गुलदस्ता भेंट कर सम्मानित किया गया।
उपस्थित सदस्यों ने नई कार्यकारिणी को शुभकामनाएं दीं और संगठन के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लिया।
कार्यकारिणी का उद्देश्य समाज में जागरूकता फैलाने के साथ-साथ युवाओं और महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करना है। इसके लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर और कार्यशालाएँ आयोजित की जाएंगी, जिनमें उन्हें मानवाधिकार, कानूनी सहायता, आत्मरक्षा और सामाजिक कार्यों की जानकारी दी जाएगी।
यह पहल समाज को अधिक सशक्त और संगठित बनाएगी, जिससे हर नागरिक अपने अधिकारों के प्रति सजग होकर संविधान की मर्यादाओं की रक्षा कर सके।