भूपेंद्र हुड्डा ने भरा नामांकन : कहा- मैं आर-पार करण जा रहा हूं

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गढ़ी सांपला-किलोई हलके से बुधवार को नामांकन दाखिल किया। साथ में उनकी पत्नी आशा हुड्डा, बेटा एवं लोकसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा, पुत्रवधु और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान भी मौजूद रहे। नामांकन के साथ सांपला की अनाज मंडी में हुड्डा ने जनसभा को संबोधित किया।

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बुधवार को गढ़ी सांपला-किलोई हलके से नामांकन दाखिल किया। साथ में सांपला की अनाज मंडी में हलके की जनसभा को संबोधित किया। बोले, याहड़ थामना लड़ना है, मैं आर-पार करण जा रहा हूं। कड़ पर वार थाम नहीं होन दो, आर-पार करण मैं जा रहा हूं। इसकी इजाजत लेने आया हूं।

हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में भाजपा व कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है। वोट काटू पार्टियों से बचकर रहना है। पांच साल पहले वोट कटने से 10 सीट चली गई थी, जिससे सरकार हाथ से निकल गई। अबकी बार यह गलती मत करना। न केवल हलके में, बल्कि पूरे प्रदेश में जाकर चुनाव लड़ें। उन्होंने कहा कि सरकार आते ही बहुत काम करने हैं। कांग्रेस का घोषणा पत्र आपके बीच आ जाएगा। अब फिर समय आ गया है। प्रदेश में सबसे बड़ी जीत दोबारा गढ़ी सांपला-किलोई हलके से होनी चाहिए।

लोकसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा का कहना है कि भाजपा के पास अपने 10 साल के काम बताने के लिए कुछ नहीं है। सुबह से लेकर शाम तक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम लेते रहते हैं। उन्होंने कहा कि गढ़ी सांपला-किलोई हलका इतने बड़े अंतर से जीत दर्ज करवाएगा, जो देश में सबसे बड़ी जीत के तौर पर ऐतिहासिक रिकार्ड बन जाएगा।

10 साल प्रदेश के मुख्यमंत्री व चार बार सांसद रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा 2000 से गढ़ी सांपला-किलोई हलके में अंगद की तरह पैर जमाकर बैठे हैं। विपक्ष अब तक उनको हराना तो दूर, कांटे की टक्कर तक नहीं दे सका है। 1982 से अब तक के राजनीतिक सफर में हुड्डा केवल चार बार 1982 और 1987 में किलोई से विधानसभा और 1999 में रोहतक व 2019 में सोनीपत लोकसभा सीट हारे हैं। 2000, 2005,2009, 2014 व 2019 से वे लगातार किलोई हलके से विधायक हैं। इससे पहले 1991, 1996, 1998 में रोहतक लोकसभा सीट से ताऊ देवीलाल को हराकर प्रदेश की राजनीति का बड़ा चेहरा बनकर उभरे थे।

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