विप्र फांडेशन का 11 अगस्त को फरीदाबाद में होगा ऐतिहासिक ब्राह्मण सम्मेलन
सम्मेलन में हजारों की संख्या में विप्र समाज के लोग लेंगे भाग
फरीदाबाद : सैक्टर-02 स्थित तिरंगा भवन कार्यालय पर विप्र फाउंडेशन फरीदाबाद के जिलाध्यक्ष संजय वशिष्ठ की अध्यक्षता में आगामी 11/08/2024 पंजाबी भवन सैक्टर-16 में विप्र सम्मेलन आयोजित किए जाने के संबंध में प्रेस वार्ता बुलाई गई!
विप्र फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष संजय वशिष्ठ ने बताया कि (विप्र परिवार) विप्र फाउंडेशन फ़रीदाबाद की ओर से रविवार 11 अगस्त 2024 को ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन को सफल बनाने के लिए समस्त विप्र समाज आपसी एकता का परिचय देते हुए ब्राह्मण भाईयो एवं रिश्तेदारों को सम्मेलन में बड़ चढ़कर भाग लेने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। इस सम्मेलन में विप्र समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज जी बतौर मुख्यअतिथि व राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डॉ० सुनील शर्मा CA एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री कुलदीप वशिष्ठ जी बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल होगे। पूरे प्रदेश भर से विप्र समाज के प्रबुद्ध जन सम्मेलन में पहुंचकर कार्यक्रम की शोभा बढाएंगे।
सम्मेलन का आयोजन पंजाबी भवन सेक्टर-16 फ़रीदाबाद में शाम साढे 4 बजे से शुरू होगा। जहां विप्र फांडेशन की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
प्रेस वार्ता में मौजूद विप्र फाउंडेशन के जिला अध्यक्ष संजय वशिष्ठ ने बताया कि ब्राह्मण का इतिहास स्वर्णिम है। देश की आजादी में भी ब्राह्मण का अहम योगदान है। समाज को आज दोहरी जिम्मेवारी निभानी है। सनातन संस्कृति पर लगातार हो रहे हमलों से रक्षा करना अपने वजूद को कायम रखना। ब्राह्मण सनातन संस्कृति की बहती हुई वह अविरल धारा है जहां मानव का कल्याण निहित है। विप्र फाउंडेशन द्वारा संचालित परशुराम कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड एजुकेशन लेक सिटी उदयपुर में विप्र समाज के बच्चों को प्रोफेशनल कोर्स करवाया जाता है और जयपुर परशुराम विद्यापीठ सेंटर फॉर एक्सीलेंस का निर्माण पूरा हो चुका हैं जिसमें बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं एवं वैदिक शिक्षा की निःशुल्क तैयारी करवाई जाएगी।
राजस्थान के रिवासा में विप्र गुरुकुल चलाया जा रहा हैं जिसमें सैकड़ो बच्चों निःशुल्क वैदिक शिक्षा दी जा रही है।
विप्र फाउंडेशन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में लोहित नदी के तट पर भगवान परशुराम की 51 फीट की पंचधातु निर्मित मूर्ति की स्थापना भारत सरकार के सहयोग से की जा रही है।
शगुन प्रकल्प के नाम प्रत्येक वर्ष 121 गरीब कन्याओं के विवाह में सहयोग करता है।
विप्र फाउंडेशन ब्राह्मणों की अंतरराष्ट्रीय संस्था है। इसकी स्थापना 2009 में कोलकाता में हुई संस्थापक संयोजक श्री सुशील ओझा जी ने हजारों ब्राह्मणों के साथ की। संस्था मूलभूत तीन उद्देश्य को लेकर कार्यरत है जिनमें राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समरसता और स्वजातीय गतिशीलता है। संस्था ने उच्च शिक्षार्थ समाज के करीब 275 जरूरतमंद विद्यार्थियों को ब्याज रहित सहयोग राशि दे चुकी है जोकि विद्यार्थी अपने पैरों पर खड़ा होने के बाद किस्तों में वापस कर सकता है। ब्रम्ह संस्कार से प्रेरित अब तक 38 विद्यार्थियों ने अपनी राशि लोटा भी दी है। विप्र शिक्षा निधि के तहत हर रोज कम से कम 11000 रुपए विप्र फाउंडेशन को सदस्यों द्वारा जमा कराया जा रहा है यह शिक्षा के क्षेत्र में यह एक अद्भुत प्रयोग साबित हुआ है। जहां लेने वालों से अधिक देने वालों कतार है। सभी दानदाताओं को विप्र फाउंडेशन अभिनंदन करता है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सामूहिक बीमा योजना के अंतर्गत हेल्थ कार्ड संस्था द्वारा वितरित किये जा रहे हैं। अब तक 10000 परिवार लाभान्वित हो चुके है। संस्था ने स्वास्थ्य प्रकल्प के अंतर्गत श्रीवृद्धि करते हुए अभी “आरोग्य साथी” प्रोग्राम प्रारंभ किया है जिसके तहत रू. 25 से 250 प्रतिदिन भाड़े पर मिलने वाले उपकरणों को मात्र रू. 1 प्रतिदिन के हिसाब से किराए पर देती है। संस्था की गतिविधियों में संस्था अब तक कोलकाता गुवाहाटी दिल्ली जयपुर और सूरत में 5 विप्र महाकुंभ कर चुकी है इन विप्र महाकुंभों में लाखों लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। इतना ही नहीं इन महाकुंभों में अलग-अलग पार्टियों से प्रितिष्ठ ब्राम्हण राजनेताओं ने भी शिरकत की। इसके अलावा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का आठवां वचन विप्र फाउंडेशन का एक प्रकल्प है जिसके तहत राजस्थान और हरियाणा में अनेकों कार्यक्रम हो चुके हैं। कैरियर काउंसलिंग के तहत करीब 5000 बच्चे निशुल्क लाभान्वित हो चुके हैं। इसी तरह से सीखो और कमाओ के तहत हजारों बच्चे घर बैठे ट्रेनिंग लेकर अपना लक्ष्य निर्धारित कर रहे हैं। संगठनात्मक हिसाब से अब तक लगभग सभी राज्यों में इस संस्था की प्रादेशिक कार्यकारिणी बन चुकी है और गतिविधियां सुचारू रूप से चल रही है एवं और जिला व तहसील स्तर पर संस्था अग्रसर हैं।
इस मौके पर बालकिशन वशिष्ठ,महामंत्री युवा विप्र उमेश कौशिक,पारस भारद्वाज, गिरीश भारद्वाज, रविप्रकाश शर्मा एडवोकेट, चंद्रभूषण शर्मा एडवोकेट, टेकचंद शर्मा, सोनू शर्मा, विवेक वशिष्ठ, देव वशिष्ठ, संतराम वशिष्ठ, दिनेश शर्मा, डॉ० अंकुश भारद्वाज आदि प्रबुद्धजन मौजूद रहें।