अदालत ने कहा, तीन नवंबर के फैसले पर स्पष्टीकरण की जरूरत नहीं !
नयी दिल्ली, 6 नवंबर ! दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि तीस हजारी अदालत परिसर में पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प पर तीन नवंबर को दिए गए फैसले को लेकर स्पष्टीकरण की जरूरत नहीं है और यह अपने आप में स्पष्ट है। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने आदेश पर स्पष्टीकरण और समीक्षा की मांग को लेकर केंद्र की अर्जियों का निपटारा करते हुए यह टिप्पणी की। आदेश में कहा गया था कि वकीलों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी। मांग की गयी थी कि आदेश बाद की घटनाओं पर लागू नहीं होना चाहिए।
मामले में विस्तृत आदेश का इंतजार है। सुनवाई के दौरान अदालत खचाखच भरी हुई थी। केंद्र ने अर्जी में अदालत से अनुरोध किया था कि वह तीन नवंबर के आदेश पर स्पष्टीकरण दे क्योंकि इससे बाद में हुई गैरकानूनी गतिविधियों पर कार्रवाई करने में बाधा उत्पन्न हो रही है। तीन नवंबर के आदेश के बाद सोमवार और मंगलवार को साकेत अदालत परिसर के बाहर वकीलों ने ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी और एक नागरिक की पिटाई की थी। इन मामलों में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई है। तीस हजारी अदालत परिसर में दो नवंबर को वकीलों और पुलिस के बीच झड़प के विरोध में बुधवार को लगातार तीसरे दिन दिल्ली की छह जिला अदालतों में वकीलों ने काम का बहिष्कार किया और कुछ अदालतों में लोगों को याचिका दायर करने से रोका।