जासूसी प्रकरण सिर्फ गैरकानूनी और असंवैधानिक नहीं, बल्कि शर्मनाक भी है : सोनिया गांधी

नयी दिल्ली ! कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की कथित जासूसी के मामले को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि इस तरह की ‘‘गतिविधियां न सिर्फ गैरकानूनी एवं असंवैधानिक हैं, बल्कि शर्मनाक’’ भी हैं। सोनिया ने पार्टी महासचिवों-प्रभारियों की बैठक में सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं पर कमजोर करने का आरोप भी लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह हैरान करने वाला खुलासा हुआ है कि मोदी सरकार द्वारा लिए गए इजरायली पिगासस सॉफ्टवेयर के माध्यम से सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और नेताओं की जासूसी और गैरकानूनी गतिविधियां की गईं। ये गतिविधियां न सिर्फ गैरकानूनी और असंवैधानिक हैं, बल्कि शर्मनाक भी हैं।’’

सोनिया ने अर्थव्यवस्था में सुस्ती और क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते (आरसीईपी) को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि सरकार आरसीईपी के माध्यम से पहले ही बुरी स्थिति का सामना कर रही भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचाने की तैयारी में है। उन्होंने दावा किया कि अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति को स्वीकारने और इसे ठीक करने के कदम उठाने के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘सुर्खियां बटोरने एवं आयोजनों के प्रबंधन’ में व्यस्त हैं।

बैठक में सोनिया ने कहा, ‘‘एक नागरिक और जिम्मेदार विपक्ष के सदस्य के तौर पर मुझे भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति देखकर दुख होता है। इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि सरकार इससे मानने को तैयार नहीं है। गंभीर मंदी को स्वीकारने और समग्र समाधान तलाशने के बजाय प्रधानमंत्री मोदी सुर्खियां बटोरने और आयोजनों में व्यस्त हैं।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के इस रुख की लाखों भारतीय नागरिकों खासकर बेरोजगार युवाओं और किसानों को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।

एशिया-प्रशांत के 16 देशों के साथ प्रस्तावित आरसीईपी समझौते का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के कई निर्णयों से अर्थव्यस्था को कम नुकसान नहीं हुआ था कि अब वह आरसीईपी के माध्यम से बड़ा नुकसान पहुंचाने की तैयारी में है। इससे हमारे किसानों, दुकानदारों, छोटे एवं मझले इकाइयों पर गंभीर दुष्परिणाम होंगे।’’ सोनिया ने कहा, ‘‘मुझे महिलाएं और उनसे जुड़े मुद्दों को लेकर सरकार के रवैये का उल्लेख करना होगा। जैसे ही हालिया विधानसभा चुनाव संपन्न हुए, सरकार ने सब्सिडी वाले गैस सिलिंडरों के दाम बढ़ा दिए। उसने एक ही बार में सिलिंडर के दाम में 77 रुपये की भारी-भरकम बढ़ोतरी कर दी।’’

उन्होंने दावा किया कि भारत की ग्रामीण अर्थव्यवसथा ध्वस्त हो चुकी है और पहली तिमाही में विकास दर मुश्किल दो फीसदी थी। किसानों से वादा किया गया था कि कम समय में उनकी आय दोगुनी कर दी जाएगी, लेकिन बढ़ती महंगाई के बीच उन्हें उनकी हालत पर छोड़ दिया गया। कांग्रेस अध्यक्ष पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का आह्वान किया, ‘‘यह कांग्रेस की जिम्मेदारी है कि सरकार की जन विरोधी नीतियों का मुकाबला करे और जनता के बीच जागरुकता पैदा करे।’’

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