पिछले पांच सालों में कूड़े कर्कट का प्रबंधन नहीं हुआ तो अब क्या होगा !
गुरुग्राम (मदन लाहौरिया) 2 नवंबर। गुरुग्राम जैसी साइबर सिटी में वर्ष 2014 से ही कूड़े कर्कट का प्रबंधन पूर्णतया फेल है! जब से मनोहर सरकार आई है गुरुग्राम स्थित बंधवाड़ी प्लांट ठप्प पड़ा है! कूड़ा कर्कट के रिसाइक्लिंग के लिए बंधवाड़ी में प्लांट लगाया गया था व वहां पर कूड़ा कर्कट को रिसाइक्लिंग किया जाना था और इस प्लांट को चलाने का एग्रीमेंट हरियाणा सरकार का ईको ग्रीन नामक कंपनी से हुआ था तथा पूरे गुरुग्राम शहर के कूड़े कर्कट को उठाने के लिए भी इसी कंपनी को जिम्मेवारी दी गई थी! बड़ी हैरानी की बात है कि पिछले पांच सालों में हरियाणा के मुख्यमंत्री हर सप्ताह गुरुग्राम आते रहे हैं परंतु पिछले पांच सालों में गुरुग्राम शहर के कूड़े कर्कट की व्यवस्था ठीक नहीं हो पाई!
इस शहर के बीचोंबीच स्थित जैन मंदिर के पास कूड़े कर्कट के डंप हॉउस बने हुए हैं! बड़ी शर्म की बात है कि जैन मंदिर के संचालक मंडल ने कभी भी इस कूड़े कर्कट व गंदगी के खिलाफ आंदोलन नहीं किया व हरियाणा सरकार के मंत्रियों को बुलाकर उनकी हाजरी लगाने में ही व्यस्त रहे! जब कि जैन धर्म में तो शुद्धिकरण व साफ-सफाई का बड़ा ध्यान रखा जाता है! गुरुग्राम के पिछले सालों में विधायक रहे उमेश अग्रवाल ने भी कभी इस गंदगी को जैन मंदिर के पास से हटवाने के प्रयास नहीं किये और ना ही यहां के मेयर ने! यह भी हो सकता है कि जैन मंदिर के प्रबंधकों से तालमेल ना होने की वजह से विधायक उमेश अग्रवाल ने दिलचस्पी ना दिखाई हो! अभी चुनाव से पहले जब टिकटे बंटने का समय चल रहा था तो जैन बारादरी में एक संभावित उम्मीदवार का कार्यक्रम आयोजित किया गया और कूड़े कर्कट को हटाने की नकली बातें की गई और उस संभावित उम्मीदवार को टिकट लेने के चक्कर में अचानक ही झाड़ू उठाकर सफाई अभियान करने का बुखार चढ़ गया और टिकट नहीं मिलने पर सफाई करने का बुखार उतर गया! आम जनता में चर्चा है कि कूड़े कर्कट के नाम पर राजनीति की जा रही है! जनता का कहना है कि कूड़े कर्कट के नाम पर राजनीति ना की जाये बल्कि कूड़े कर्कट की व्यवस्था के लिए स्थाई समाधान निकाला जाये!
कूड़े कर्कट व गंदगी जगह जगह फैले होने के विषय में एक शिकायत जब हरियाणा विज्ञान मंच के गुरुग्राम जिला संयोजक ईश्वर नास्तिक से आई तो उनसे बात होने पर मालूम हुआ कि पटौदी बसई रोड़ के पास मनोहर नगर में उनके मकान के आगे ही कूड़े कर्कट के ढ़ेर लगा दिए जाते हैं! उनका कहना है कि साफ-सफाई वाले कर्मचारी कभी-कभी आते हैं! रोजाना नहीं आते! इस बारे में वे नगर निगम के कस्टमर केयर सेंटर पर टेलीफोन के माध्यम से कई बार शिकायत कर चुके हैं और उन्होंने 30 व 31 अक्टूबर को भी शिकायत की परंतु इन शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया! सफाई करने वाले एक दिन आते हैं और फिर कई दिन के लिए गायब हो जाते हैं! उनकी यह भी शिकायत है कि सडक़ पर साफ-सफाई करने वाले कर्मचारी जब भी आते हैं तो वे सुबह नहीं आते और दोपहर बाद आते हैं! इन कारणों से कूड़ा कर्कट सडक़ों पर फैला रहता है!
इस खबर की फोटो में जो कूड़ा कर्कट का ढ़ेर नजर आ रहा है वो गुरुग्राम के मनोहर नगर निवासी ईश्वर नास्तिक के मकान के आगे का है! यह कूड़े का ढ़ेर दिवाली से दो दिन पहले का है व तब से अब तक हटाया नहीं गया और सफाई कर्मचारी यहां के लोगों को धौंस दिखाकर दिवाली के नाम की वसूली करने की धमकी दे रहे हैं! ईश्वर नास्तिक का यह भी कहना है कि उनके वार्ड की महिला पार्षद कूड़े कर्कट की समस्या पर कोई ध्यान नहीं देती और यहां के पूर्व विधायक तो पिछले पांच सालों से आँख बंद करके बैठे थे व मुख्यमंत्री हर हफ़्ते गुरुग्राम आने के बावजूद पिछले पांच सालों में गुरुग्राम को कूड़ा कर्कट की एक महानगरी की शक्ल दे गए और अब आने वाले समय में कूड़ा कर्कट व गंदगी के बढिय़ा प्रबंधन की इस दोबारा आई हुई भाजपा सरकार से कोई भी उम्मीद नहीं की जा सकती!