पुलिस बिना मजिस्ट्रेट की इजाजत के इन्वेस्टीगेशन नहीं कर सकती : शर्मा

फरीदाबाद। हरियाणा में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होने जा रही है। फरीदाबाद शहर में अफरातफरी तब मच गई जब समाजसेवी वरुण श्योकंद को चार साथियों सहित गिरफ्तार कर लिया गया। उनके ऊपर आरोप थे कि उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन किया है और मूलचंद शर्मा के कारनामों के पेंफलेट्स बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र में बटवा दिए गए थे। जिसमें यह बात सामने आ रही है कि मूलचंद शर्मा ने सत्ता का फायदा उठा कर वरुण श्योकंद की गिरफ्तारी करवाई है। आज सेक्टर 11 चौकी में फरीदाबाद के तमाम समाजसेवी इकट्ठे हुए और वरुण की गिरफ्तारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन हुआ।

फरीदाबाद न्यायालय में सुनवाई के दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने नेसेसरी एक्शन लेने हेतु ऑर्डर की कॉपी पुलिस कमिश्नर को भी भेजी है जिसमें वरुण श्योकंद, पारस, राकेश, दीपा, आशीष पर कार्यवाही करने वाले पुलिसकर्मी भी नप सकते हैं। इस संदर्भ में आरोपियों के वकील ओपी शर्मा ने दलील देते हुए कहा कि रिप्रेजेंटेशन आफ पीपल्स एक्ट के तहत जो धाराएं (147a, 145) जोकि non-cognizable है जिसमें पुलिस जांच नहीं कर सकती और इसी प्रकार 505 (1) आईपीसी के तहत भी पुलिस बिना मजिस्ट्रेट की इजाजत के इन्वेस्टीगेशन नहीं कर सकती इसलिए सारी कार्यवाही इल्लीगल है और इस दलील को मानते हुए अदालत ने पुलिस वालों के खिलाफ सूटेबल एक्शन लेने के लिए पुलिस आयुक्त को रिकमेंडेशन भेजी है जिसकी ऑर्डर की कॉपी पुलिस आयुक्त को भेजी है और आरोपियों को 50-50 हजार की जमानत पर छोड़ दिया गया। अधिवक्ता ओपी शर्मा ने कहा कि ऐसी हालत में आरोपियों को डिस्चार्ज करके केस को इसी स्टेज पर खत्म कर देना चाहिए था

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