बाबा शाह मस्ताना के 128वां जन्मोत्सव में शामिल हुई जमानत पर छूटी हनीप्रीत !
सिरसा ! सिरसा में डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बाबा शाह मस्ताना बलुचिस्तानी का 128वां जन्मदिवस मनाया गया। पूर्व साध्वियों के यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के जेल जाने के बाद यह तीसरा बड़ा आयोजन था, वहीं राम रहीम सिंह की कथित राजदार हनीप्रीत के लिए पहला मौका रहा ! दरअसल, पंचकूला हिंसा के 38 दिन बाद हनीप्रीत को गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके बाद से वह अंबाला की सेंट्रल जेल में बंद थी। हाल ही में 6 नवंबर को जमानत पर जेल से छूटी हनीप्रीत भी शामिल हुई। सत्संग सुनने के अलावा हनीप्रीत पूरी मौजूदगी के दौरान सिर्फ हाथ जोड़े खड़ी रही। शाह मस्ताना ने सन 1891 में कार्तिक की पूर्णमासी को गांव कोटड़ा, तहसील गंधेय जिला बलुचिस्तान (इस वक्त पाकिस्तान में है) में पिता पीला मल व माता तुलसा बाई के घर जन्म लिया। उन्होंने 29 अप्रैल 1948 में डेरा सच्चा सौदा की नींव रखी। उनके 128वें जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम के लिए सोमवार रात 1 बजे ही पंडाल पूरी तरह भर चुका होने की जानकारी थी, वहीं मंगलवार को भी संगत का आना-जाना जारी रहा। आज शाह सतनाम जी धाम में बड़े स्तर पर नामचर्चा का आयोजन हुआ। नामचर्चा की शुरुआत में सत्संग पंडाल में मौजूद संगत ने ‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ के पवित्र नारे के साथ गुरु डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह को शाह मस्ताना जी महाराज के अवतार दिवस की बधाई दी। इसके बाद कविराज भाइयों ने भक्तिमय भजनों के माध्यम से सतगुरु की महिमा का गुणगान किया। फिर गुरमीत राम रहीम सिंह का एक रिकॉर्डिड वीडियो चलाया गया। इसमें राम रहीम ने मस्ताना जी महाराज के जीवन और उनके मानवता पर किए गए परोपकारों पर प्रकाश डाला। इस दौरान स्टेज पर हनीप्रीत भी मौजूद रही। पूरी मौजूदगी में हनीप्रीत स्टेज पर हाथ जोड़े दिखाई दी। इसके अलावा उसकी तरफ से और कोई गतिविधि नजर नहीं आई।
साध्वी यौन शोषण मामले में राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में हिंसा भड़की थी। इसमें 36 लोगों की जान गई थी। इस मामले में पुलिस ने शुरुआत में 1200 पन्नों की चार्जशीट पेश की थी। आईपीसी की धारा 216, 145, 150, 151, 152, 153 और 120बी के तहत आरोप तय किए गए। जिन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई, उनमें हनीप्रीत, उसकी साथी सुखदीप कौर, राकेश कुमार अरोड़ा, सुरेंद्र धीमान इंसां, चमकौर सिंह, दान सिंह, गोविंद राम, प्रदीप गोयल इंसां और खैराती लाल पर कई धाराओं के तहत केस दर्ज किए थे। पुलिस हनीप्रीत को ढूंढ रही थी, लेकिन वह 38 दिन बाद गिरफ्तार हो सकी, तभी से वह अंबाला सेंट्रल जेल में बंद थी। हाल ही में 2 नवंबर को पंचकूला की कोर्ट ने इस मामले में हनीप्रीत समेत 15 आरोपियों से राजद्रोह की धारा हटाई थी। इसके बाद हनीप्रीत ने जमानत याचिका दाखिल की थी। 6 नवंबर हो हनीप्रीत जेल से रिहा हो चुकी है, वहीं मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी।