लोहे के स्क्रैप से बना दी पीएम मोदी की 14 फीट ऊंची मूर्ति

बेंगलुरु : आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के रहने वाले पिता-पुत्र की जोड़ी ने लोहे के स्क्रैप का उपयोग करके प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की 14 फीट की मूर्ति बनाई है। उनकी यह मूर्ति 16 सितंबर को बेंगलुरु के पार्क में लगाई जाएगी।
जानकारी के मुताबिक पिता-पुत्र की इस जोड़ी का नाम कटुरी वेंकटेश्वर राव और रविचंद्र हैं। वे दोनों तेनाली शहर में ’सूर्य शिल्प शाला’ चलाते हैं। उनकी जोड़ी बेकार पड़े लोहे खासकर नट-बोल्ट से मूर्तियों को बनाने के लिए प्रसिद्ध है।
2 महीने तक 15 लोगों ने किया काम : रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम नरेंद्र मोदी की यह लोहे की मूर्ति 16 सितंबर को बेंगलुरु के एक पार्क में स्थापित की जाएगी। इसे बीजेपी के पार्षद मोहन राजू स्थापित करेंगे। मूर्तिकार रविचंद्र ने कहा कि उन्होंने और उनके पिता वेंकटेश्वर राव ने इस मूर्ति को बनाने के लिए 2 महीने तक काम किया, इसके लिए 15 अन्य लोगों की सहायता ली गई।
पीएम मोदी की मूर्ति बनाने में 2 टन लोहे का इस्तेमाल हुआ। ये वह नट-बोल्ट थे, जिसे बेकार समझकर ऑटोमोबाइल कंपनियों ने फेंक दिया था।
लोहे के स्क्रैप से बनाते हैं मूर्तियां : कटुरी वेंकटेश्वर राव ने कहा, ‘लोहे के स्क्रैप से मूर्तियां बनाना हमारी अंतरराष्ट्रीय पहचान है। उन्होंने पिछले 12 वर्षों में लगभग 100 टन लोहे के स्क्रैप का उपयोग करके कलात्मक मूर्तियां बनाई हैं। हमने सिंगापुर, मलेशिया और हांगकांग जैसे देशों में अपनी लोहे की कबाड़ की मूर्तियों का प्रदर्शन किया है।’
गांधी जी की प्रतिमा भी बना चुके हैं : उन्होंने कहा, ‘हाल ही में हमने विश्व रिकॉर्ड के लिए 75,000 नट्स का उपयोग करके ध्यान योग करते हुए महात्मा गांधी की 10 फीट ऊंचाई की मूर्ति तैयार की है। हमारी इसी प्रतिमा को देखकर बेंगलुरु के एक संगठन ने हमसे पीएम नरेंद्र मोदी की प्रतिमा बनाने के लिए संपर्क किया था, जिसे हमने स्वीकार कर लिया।’
राव ने कहा कि पीएम मोदी की प्रतिमा को बेहतर लुक देने के लिए उसमें जीआई वायर का भी इस्तेमाल किया। उनके चश्मे, बाल और दाढ़ी को जीआई तारों जैसी सामग्री की जरूरत थी, जिसे जीआई वायर से पूरा किया गया। अब यह प्रतिमा शहर के पार्क में लगने को तैयार है।