गीता जयंती महोत्सव पर विद्यालय में श्लोक गायन प्रतियोगिता का आयोजन

फरीदाबाद 29 नवम्बर। हरियाणा राज्य पुण्य भूमि है – आदि काल से ही इस राज्य का नाम इतिहास में अपनी उपलब्धियों के लिए जाना जाता है। भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्घ के समय इसी पुण्य भूमि पर अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। जो आज विश्व भर में महान ग्रंथ के रूप में प्रसिद्घ है। इसी पुण्य भूमि पर इन दिनों गीता जयंती उत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसमें प्रदेश भर के सभी शहर बढ़-चढक़र भाग ले रहे हैं। महाभारत का युद्घ भी इसी पुण्य भूमि पर लड़ा गया। कहा जाता है कि हरियाणा में प्रभु के चरण पड़े इसी कारण इसका नाम हरिआणा हो गया जो बनते-बनते हरियाणा में परिवर्तित हो गया इसलिए इसे पुण्य भूमि भी कहा जाता है।

प्रदेश भर में मनाये जाने वाले इस उत्सव को फरीदाबाद के 21बी स्थित जीवा पब्लिक स्कूल में भी मनाया गया। विद्यालय में विषय को ध्यान में रखते हुए एवं छात्रों को अपनी संस्कृति एवं धार्मिक तथ्यों से परिचित कराने हेतु कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विद्यालय में छठी कक्षा के छात्रों ने गीता के उपदेश कर्म पर आधारित श्रीकृष्ण एवं अर्जुन के बीच संवाद को दर्शाया जिसमें श्रीकृष्ण अर्जुन को कर्म के महत्व को उपदेश के माध्यम से बताते हैं। इस परिचर्चा में छात्रों ने कर्म की महानता एवं कर्म की आवश्यकता पर ज़ोर दिया कि कर्म का उद्ïदेश्य महान होता है। हमें अपने कर्म करते रहना चाहिए, फल की इच्छा नहीं करनी चाहिए क्योंकि अच्छे कर्म का फल हमें अवश्य मिलता है। उन्होंने भगवद गीता के सार एवं जीवन के महान उद्ïदेश्यों को दर्शाया। उन्होंने बताया कि मानव जीवन महान उद्ïदेश्यों के लिए होता है। प्रत्येक कार्य का अपना एक महान प्रयोजन होता है, प्रत्येक व्यक्ति किसी विशेष कार्य के लिए ही इस धरती पर जन्म लेता है। इसके अलावा छात्रों ने गीता के अनेक उपदेशों को बैनरों के माध्यम से प्रस्तुत किया। मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की महा एकादशी को गीता जयंती के रूप में मनाया जाता है और यह बहुत पवित्र व पुण्य माना जाती है। इसी दिन श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया। इस अवसर पर विद्यालय के अध्यक्ष ऋषिपाल चौहान ने कहा कि गीता एक महान ग्रंथ है इसमें जीवन का सार है, यह हमें जीवन के उक्त नैतिक मूल्यों से अवगत कराती है।

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