गुरुग्राम में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की मिलीभगत से जलाया जा रहा इंडस्ट्रियल वेस्ट
गुरुग्राम (मदन लाहौरिया) 12 नवंबर। गुरुग्राम के सूरत नगर फेस 1 के साथ लगते इंडस्ट्रियल एरिया में इंडस्ट्रियल वेस्ट रबड़ व प्लास्टिक को जलाये जाने की सूचना मिलने पर वहां पर कालोनी में रहने वाले भरत शर्मा ने बड़ी हिम्मत दिखाते हुए इंडस्ट्रियल वेस्ट रबड़ व प्लास्टिक में लगाई गई आग की फोटो ली तथा साथ में ही वीडियो भी बनाई! जनहित में भरत शर्मा द्वारा ली गई फोटो गुरुग्राम नगर निगम की सफाई व्यवस्था की पोल खोलती है! इस इंडस्ट्रियल एरिया में जगह-जगह रबड़ प्लास्टिक कूड़े कर्कट के ढेर महीनों महीनों तक लगे रहते है! नगर निगम के द्वारा इस इंडस्ट्रियल वेस्ट को उठाने की यहां पर कोई भी सुविधा नहीं है! वास्तव में गुरुग्राम में सफाई व्यवस्था को लेकर एक बहुत ही अजीबोगरीब जंग छिड़ी हुई है!
भाजपा सरकार के द्वारा गुरुग्राम की सफाई का ठेका जब से ईको ग्रीन कंपनी को दिया गया तो गुरग्राम शहर के निवासी कूड़े कर्कट की बड़ी भारी समस्या से परेशान हो गये! जब कोई भी व्यक्ति कूड़े कर्कट की समस्या को ले कर निगम में जाता है तो निगम के अधिकारी ईको ग्रीन कंपनी का दोष निकालते हैं और ईको ग्रीन कंपनी के अधिकारीयों की निगम के ठेकेदारों से मिलीभगत हैं! इन दोनों की मिलीभगत से ही गुरुग्राम शहर सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है! इन दोनों के ऊपर एक और अथॉरिटी जीएमडीए के तौर पर बिठा दी गई! इस प्रकार गुरुग्राम के विकास के लिए तीन अथॉरिटी होने के बावजूद भी गुरुग्राम में विकास के नाम पर विनाश ही विनाश नजर आता है! पिछले एक महीने से लगातार गुरुग्राम की सफाई व्यवस्था की दुर्दशा के बारे में खबरें छप रही हैं परंतु इन तीनों अथॉरिटी के अधिकारी आपस में मिलीभगत कर के कूड़े कर्कट की व्यवस्था पर बहुत बड़ी लापरवाही बरत रहे हैं! मुख्यमंत्री खुद आ कर कूड़े कर्कट के ढेरों को देख कर ईको ग्रीन कंपनी पर 25 लाख रूपये का जुर्माना भी लगा गये परंतु उस के बावजूद शहर की सफाई व्यवस्था की दुर्दशा में कोई सुधार नहीं हुआ! गुरुग्राम के हर इलाके में कूड़े कर्कट के ढेर व इंडस्ट्रियल वेस्ट रबड़ और प्लास्टिक का कचरा फैला हुआ है! प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भी पैसों के लालच में फैक्ट्री मालिकों से मिलीभगत करके वेस्ट में आग लगवा रहे हैं!
गुरुग्राम के सूरत नगर फेस 1 के इंडस्ट्रियल एरिया में वेस्ट में लगाई गई आग के बारे में जब वहां के निवासी भरत शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस इंडस्ट्रियल वेस्ट रबड़ व प्लास्टिक की आग से निकले हुए खतरनाक धुंए से सूरत नगर की कालोनी में रहने वाले सभी लोग बुरी तरह प्रभावित होंगे और यहां के लोगों को इस धुंए के प्रभाव से गंभीर बीमारियां भी हो सकती है! इस लिए इस प्रदूषण के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाये!
इसी कड़ी में जब दिल्ली डीडीए से सेवानिवृत अधिकारी रमेश श्योराण से बात की गई तो उन्होंने कहा कि फैक्ट्रियों के द्वारा इस प्रकार खुले में इंडस्ट्रियल वेस्ट को जलाया जाना एक गंभीर अपराध है और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जानी चाहिये!
सूरत नगर का इलाका वार्ड 11 में है और वार्ड 11 के पार्षद योगेंद्र सारवान को जब फोन मिलाया गया तो वे एक शादी के कार्यक्रम में थे व बोले कि वे इस विषय में बाद में बात करेंगे! एक सोशल वर्कर ईश्वर नास्तिक से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में सफाई व्यवस्था बिलकुल चौपट है और केवल लोगों पर जुर्माना लगाने से काम नहीं चलेगा! सरकारी अधिकारीयों पर कार्यवाही करनी होगी तभी प्रदूषण की समस्या हल हो पायेगी! उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रियल वेस्ट को जलाना गंभीर अपराध है! इस पर कार्यवाही होनी चाहिये! मजदूर नेता राजेंद्र सरोहा से जब इस विषय में बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी फैक्ट्री मालिकों के हाथों में बिक चुके हैं! प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारीयों पर गंभीर आरोप लगाते हुए राजेंद्र सरोहा ने कहा कि इंडस्ट्रियल वेस्ट को जलवाने में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारीयों का सब से बड़ा हाथ है क्यों कि सभी फैक्ट्रियों में इन की रिश्वत के रूप में सांठगांठ होती है और किसी भी फैक्ट्री में इन की अनुमति के बगैर पत्ता तक नहीं हिलता! दिखावे के तौर पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एचएसवीपी व इस्कॉन पर 10-10 लाख का जुर्माना किया है परंतु सूरत नगर फेस 1 के इंडस्ट्रियल एरिया में इंडस्ट्रियल वेस्ट में लगाई गई इस आग के मामले में पूर्णतया प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी दोषी है और इन अधिकारीयों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर के सख्त से सख्त कार्यवाही की जाये!