देहात में महज 48 प्रतिशत महिलाओं को ही स्वच्छ एवं शुद्ध नैपकीन नसीब हो पाता है : सुषमा गुप्ता

फरीदाबाद, 2 अक्टूबर। सस्ते दामों पर महिलाओं व बालिकाओं को सेनेटरी नैपकीन मशीन व डिस्पोज मशीन उपलब्ध कराने से जहां महिलाओं को अपने मासिक धर्म के दिनों में असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा, वहीं पर्यावरण संरक्षण को इससे बढ़ावा मिलता है।

यह बात समाजसेविका एवं हरियाणा रेडक्रास सोसायटी चंडीगढ़ की सदस्या सुषमा गुप्ता ने गांधी जयंती के मौके पर आगमन सोसायटी सेक्टर-70 में सेनेटरी नैपकीन मशीन व डिस्पोज मशीन लगाए जाने के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। इससे पूर्व सोसायटी की महिलाओं ने यहां आगमन पर सुषमा गुप्ता का फूलों के गुलदस्ते भेंट कर स्वागत किया गया तथा मशीनों का रीबन काटकर विधिवित शुभारंभ किया गया। इस मौके पर आगमन गु्रप के सीएमडी प्रमोद गुप्ता, मुकेश अग्रवाल, शशि, सुरीन, जिला रेडक्रास सोसायटी के सचिव विकास कुमार व सहायक पुरुषोत्तम सैनी आदि प्रमुख रूपसे उपस्थित रहे।

सोसायटी की उपस्थित महिलाओं को सम्बोधित करते हुए सुषमा गुप्ता ने बताया स्वच्छ सैनिटरी नैपकीन के अभाव में देश की अधिकांश महिलाओं को तमाम बीमारियों के संक्रमण का शिकार होना पड़ता है, अब इन मशीनों के ल जाने से उन्हें कई प्रकार की असुविधाओं से बचाया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) 2015-16 के रिपोर्ट के अनुसार 15 से 24 वर्ष के उम्र की 58 प्रतिशत महिलाएं लोकल एवं कामचलाउ नैपकीन का इस्तेमाल करती हैं। जो कि बीमारी के संक्रमण से उनका बचाव कर पाने में सक्षम नहीं हैं। शहर में भी 74 प्रतिशत महिलाओं को ही हाइजेनिक नैपकीन उपलब्ध हो पाता है। श्रीमती गुप्ता ने बताया कि देहात में महज 48 प्रतिशत महिलाओं को ही स्वच्छ एवं शुद्ध नैपकीन नसीब हो पाता है। पॉपुलर ब्रांड न होने की वजह से ग्रामीण इलाकों में बेहतर नैपकीन उपलब्ध नहीं हैं, जिसकी वजह से महिलाओं को तमाम तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि वंचित महिलाओं के लिए भी वे स्वच्छता, सुविधा और स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखेंगी।

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