लंका दहन के उपरांत हनुमान सीधे श्री राम के पास वापस लौटे

फरीदाबाद, 5 अक्टूबर। एनआईटी के नंबर 2 ब्लाक में श्री जागृति रामलीला कमेटी के तत्वावधान में रामभक्त हनुमान द्वारा माता सीता की खोज-खबर लेने के बाद वापस लौटकर भगवान श्रीराम को लंका का पूरा वृत्तांत सुनाने और आगे की योजना बनाने का मंचन किया गया।
रामलीला में दिखाया गया कि लंका दहन के उपरांत हनुमान सीधे श्री राम के पास वापस लौटे और वहां उन्होंने श्री राम को सीता माता के विषय में बताया और उनके कंगन भी दिखाए। सीता माता की निशानी को देखकर श्रीराम भावुक हो गए। अब श्रीराम और वानस सेना की चिंता का विषय था केसे पूरी सेना समुद्र के दूसरी ओर जा सकेंगे। श्रीराम ने समुद्र से निवेदन किया कि वे रास्ता दें ताकि उनकी सेना समुद्र पाकर सके। परंतु कई बार कहने पर भी समुद्र ने उनकी बात नहीं मानी तब राम ने लक्ष्मण से मनुष मांगा और अग्रि बाण को समुद्र पर साधा जिससे की पानी सूख जाए और वे आगे बढ़ सकें। जैसे ही श्रीराम ने ऐसा किया समुद्र देव डरते हुए प्रकट हुए और श्री राम से माफी मांगी और कहा हे नाथ, ऐससा न करें आपके इस बाण से मेरे में रहने वाले सभी मछलियां व जीवित प्राणियों का अंत हो जाएगा। श्रीराम ने कहा – हे समुद्र देव हमें यह बताएं की मेरी यह विशाल सेना इस समुद्र को कैसे पार कर सकते हैं। समुद्र देव ने उत्तर दिया – हे रघुनंदन राम आपकी सेना में दो वानर हैं नल और नील उनके स्पर्श करके किसी भी बड़े से बड़े चीज को पानी में तैरा सकते हैं। उनकी सलह के अनुसार नल और नील ने पत्थर पर श्री राम के नाम लिखकर समुद्र में फैंक के देखा तो पत्थर तैरने लगे। इसके बाद बाद एक-एक करके नल-नल समुद्र में पत्थर फेंकते रहे और समुद्र के अगले छोर पर पहुंच गए। इस मौके पर कमेटी के अध्यक्ष योगेश भाटिया व अन्य पदाधिकारियों ने उपस्थित मुख्यातिथियों व दर्शकों का स्वागत किया।

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