श्रीमद भागवद परमात्मा का ही दिव्य स्वरूप : सुरेन्द्र शर्मा बबली

फरीदाबाद, 28 नवम्बर। श्रीमद भागवद गीता परमात्मा का ही दिव्य स्वरूप है, इसका श्रवण करने से सभी सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। उक्त उदगार वीरवार को अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. सुरेन्द्र शर्मा बबली ने साईधाम में आयोजित भागवद कथा कार्यक्रम में कहे। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता की पृष्ठभूमि महाभारत का युद्ध है। जिस प्रकार एक सामान्य मनुष्य अपने जीवन की समस्याओं में उलझकर किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाता है और जीवन की समस्यायों से लडऩे की बजाय उससे भागने का मन बना लेता है उसी प्रकार अर्जुन जो महाभारत के महानायक थे, अपने सामने आने वाली समस्याओं से भयभीत होकर जीवन और क्षत्रिय धर्म से निराश हो गए थे, अर्जुन की तरह ही हम सभी कभी-कभी अनिश्चय की स्थिति में या तो हताश हो जाते हैं और या फिर अपनी समस्याओं से विचलित होकर भाग खड़े होते हैं।

इससे पूर्व पं. सुरेन्द्र शर्मा बबली ने कथा वाचक व्यास श्री श्री मुकन्द हरि जी महाराज का पटका पहनाकर एवं भगवान परशुराम की प्रतिमा भेंट कर स्वागत किया। उन्होंने साई बाबा का आशीर्वाद प्राप्त किया और कहा कि साई की कृपा सब पर बनी रहती है। साईधाम एक ऐसा पवित्र स्थान है, जहां हजारों श्रद्धालु साईबाबा के दर्शन करने आते हैं और बाबा उनकी मनोकामना पूर्ण करता है। कथा वाचक व्यास श्री श्री मुकन्द हरि जी महाराज ने इस अवसर पर आए हुए श्रद्धालुओं को भागवद गीता का सुंदर उल्लेख किया। भागवद कथा समारोह में पं. कैलाश, मोहित, किशोर शर्मा, के ए पिल्ले, एस के माथुर, एस के वर्मा आदि सहित सैंकड़ों भक्तगण मौजूद रहे। 

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