भाव स्वदेशी समरसता हो विकसित भारत का आधार से आरंभ हुआ प्रांत अधिवेशन

राष्ट्र के निर्माण में युवाओं की भागीदारी को सशक्त करने को मिला एक मजबूत मंच

– अभाविप के 56वें प्रांत अधिवेशन में ‘शहीद राजा नाहर सिंह’ प्रदर्शनी का भव्य उद्घाटन

– युवा जिम्मेदारियों को समझें और निभाएं, तभी भारत बनेगा विश्व गुरु : डॉ.अमित भल्ला

– जीवन में बिना बैसाखी के जीना शुरू कर दोगे तो आगे बढ़ते चले जाओगे: सिंहराज अधाना

फरीदाबाद : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के 56वें प्रांत अधिवेशन के अंतर्गत आयोजित ‘शहीद राजा नाहर सिंह’ प्रदर्शनी का उद्घाटन पूरे जोश और उत्साह के साथ किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत परिषद गीत “भाव स्वदेशी समरसता हो विकसित भारत का आधार…” से हुई। इस गीत ने पूरे वातावरण को राष्ट्रभक्ति और संगठनात्मक ऊर्जा से भर दिया।

परिषद गीत के बाद दीप प्रज्वलन की रस्म निभाई गई, जिसमें शिक्षाविद एवं मानव रचना विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.अमित भल्ला, अर्जुन अवार्डी एवं पैरालंपिक पदक विजेता सिंहराज अधाना, एबीवीपी के हरियाणा प्रांत के उपाध्यक्ष डॉ. विनय अहलावत, नगर नियोजक कुमारी मीनाक्षी शर्मा और विभाग संयोजक दीपक भारद्वाज सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

प्रदर्शनी उद्घाटन के मुख्य अतिथि टोक्यो पैरालंपिक में पदक विजेता सिंहराज अधाना थे। उन्हें कुमारी मीनाक्षी शर्मा द्वारा अंगवस्त्र, पुष्प गुच्छ और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। वहीं, उद्घाटनकर्ता डॉ. अमित भल्ला का स्वागत दीपक भारद्वाज ने किया।

शौर्यगाथा ,आध्यात्मिक धरोहर, फिल्म, खेल एवं संस्कृति की झलक
प्रदर्शनी में शहीद राजा नाहर सिंह के बलिदान को विस्तार से प्रदर्शित किया गया, जो 1835 में जन्मे थे और 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में वीरता पूर्वक लड़ते हुए दिल्ली के चांदनी चौक पर फांसी पर चढ़ा दिए गए थे। इसके अलावा, हरियाणा के 24 खिलाड़ियों की विश्व स्तरीय उपलब्धियों और ज्ञान-विज्ञान, फिल्म एवं पत्रकारिता क्षेत्र में योगदान देने वाले व्यक्तित्व और युवाओं के योगदान को भी चित्र प्रदर्शनी में विशेष रूप से दर्शाया गया।

मुख्य अतिथि का प्रेरणादायक संदेश
अर्जुन अवार्डी एवं पैरालंपिक पदक विजेता सिंहराज अधाना ने अपने जीवन संघर्ष को साझा करते हुए कहा, “जीवन में बिना बैसाखी के जीना शुरू कर दोगे तो आगे बढ़ते चले जाओगे।” उन्होंने युवाओं को आत्मनिर्भर बनने और कभी हार न मानने का संदेश दिया। इस अवसर पर एबीवीपी प्रांत उपाध्यक्ष डॉ. विनय अहलावत ने कहा कि फरीदाबाद की भूमि संत सूरदास और महर्षि पाराशर की विरासत को संजोए हुए है। उन्होंने बताया कि यह प्रदर्शनी हरियाणा में एबीवीपी द्वारा किए गए कार्यों और खेलो भारत अभियान जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की झलक प्रस्तुत करती है। डॉ. अमित भल्ला ने अपने संबोधन में शिक्षा की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि एबीवीपी कोई आंदोलन नहीं, बल्कि एक सकारात्मक परिवर्तन है। अगर हम अपनी जिम्मेदारियों को समझें और निभाएं, तो भारत को विश्व में नंबर एक बनने से कोई नहीं रोक सकता।”

यह प्रदर्शनी केवल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहलुओं तक सीमित नहीं रही, बल्कि युवाओं को राष्ट्रभक्ति, खेल और शिक्षा के प्रति जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी बनी। इस तरह, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का यह अधिवेशन न केवल एक संगठनात्मक बैठक रहा, बल्कि राष्ट्र के निर्माण में युवाओं की भागीदारी को सशक्त करने का एक मजबूत मंच भी साबित हुआ।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!