विभाजन विभिषका का दर्द भुलाया नहीं जा सकता : कृष्णपाल गुर्जर
14 अगस्त भारत के इतिहास का सबसे दुर्भाग्यशाली दिन, विभाजन के कारण लाखो लोगों ने गवाई जान : राजकुमार वोहरा
फरीदाबाद 14 अगस्त : केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि भारत का विभाजन देश के लिए किसी विभीषिका से कम नहीं थी । इसका दर्द आज भी देश को झेलना पड़ रहा है । कांगेस की पहल पर ब्रिटिश हुकूमत ने 1947 में भारत का विभाजन कर दो अलग अलग देश बना दिए और पाकिस्तान को एक मुस्लिम देश के रूप में मान्यता दी थी । इस विभाजन में लाखों लोग विस्थापित हुए थे और बड़े पैमाने पर दंगे भड़कने के चलते कई लाख लोगों की जान चली गई थी । देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता । नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों-भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान गंवानी पड़ी । 14 अगस्त भारत के इतिहास का सबसे दुर्भाग्यशाली दिन जब देश की विभाजन की विभिषका से गुजरना पड़ा । उन लोगों के बलिदान और संघर्ष की याद में 14 अगस्त को विभाजन विभिषका स्मृति दिवस के रूप में मानते हुए भारतीय जनता पार्टी फरीदाबाद द्वारा राजकुमार वोहरा के नेतृत्व में बडखल विधानसभा में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पद यात्रा निकली गई जिसमें केंद्रीय राज्य सहकारिता मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, हरियाणा की शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा, जिला अध्यक्ष राजकुमार वोहरा, निवर्तमान मेयर सुमन बाला, फार्मेसी कौंसिल चेयरमैन धनेश अदलखा, जिला महासचिव सुरेंद्र जांगड़ा, मनोज वशिष्ठ, उपाध्यक्ष वज़ीर डागर, सुखबीर मालेरना, शिशिर सिंह, परविंदर सिंह, प्रणव शुक्ला, आत्मप्रकाश शर्मा, दीपक भड़ाना, सुनील कथूरिया, भगवान सिंह, संजय अरोड़ा, रवि खत्री, अरुण वोहरा, गजराज रावत, चंचल वोहरा, राधिका कक्कड़, पंकज कुमार, ख़ुशबू शर्मा , सुदेश कुमारी, पंडित सुरेंद्र शर्मा , अमित आहूजा, मनोज नासवा, श्याम सुंदर मुथरेजा, सोनू खत्री, दिनेश राघव, श्याम सुंदर कपूर व अन्य भाजपा नेता व कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे । यह पद यात्रा बीकानेर चौक NIT 3 से शुरू होकर लखानी धर्मशाला पर ख़त्म हुई । इस अवसर पर सभी भाजपा नेताओं और उपस्थित लोगों ने विभाजन विभिषका में जान गवाने वाले लाखों लोगों की स्मृति में कैंडल जलाकर उनको स्मरण किया और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की ।
भाजपा जिला अध्यक्ष राजकुमार वोहरा ने कहा कि 14 अगस्त 1947 का दिन भारत के लिए इतिहास का एक गहरा जख्म है । वह जख्म तो आज तक ताजा है और भरा नहीं है । देश का बंटवारा हुआ लेकिन शांतिपूर्ण तरीके से नहीं हुआ । इस ऐतिहासिक तारीख ने कई खूनी मंजर देखे. भारत का विभाजन खूनी घटनाक्रम का एक दस्तावेज बन गया । दोनों देशों के बीच बंटवारे की लकीर खिंचते ही रातों-रात अपने ही देश में लाखों लोग बेगाने और बेघर हो गए । धर्म-मजहब के आधार पर न चाहते हुए भी लाखों लोग इस पार से उस पार जाने को मजबूर हुए । जो लोग बच गए, उनमें लाखों लोगों की जिंदगी बर्बाद हो गई. भारत-पाक विभाजन की यह घटना सदी की सबसे बड़ी त्रासदी में बदल गई । यह केवल किसी देश की भौगोलिक सीमा का बंटवारा नहीं बल्कि लोगों के दिलों और भावनाओं का भी बंटवारा था । श्री वोहरा ने कहा कि विभाजन विभिषका की समृति आज लोगों के दिल दिमाग में ताजा है और आने वाले समय में कभी भी ऐसा माहौल देश की जनता को ना देखना पड़े ।