बरसात के मौसम में बढ़ जाती है जोड़ों का दर्द, गठिया, हड्डियों के विकार और पुरानी चोट की समस्या : डॉ. अनुराग अग्रवाल

फरीदाबाद : मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद में ऑर्थोपेडिक एवं रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट विभाग के डायरेक्टर एवं एचओडी डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि बरसात के मौसम में तापमान तेजी से बदलता है। बारिश होने के बाद हुमिडिटी (आद्रता) बढ़ गई है। उसके बाद जैसी ही धूप निकलती है तो फिर से तापमान बढ़ जाता है। मौसम में इस तरह के बदलाव के कारण घुटनों के अंदर फ्लूइड में भी बदलाव आते हैं। इसके अलावा घुटने के जोड़ों के आस पास मांसपेशियों और लिगामेंट में भी बदलाव आते हैं। मौसम ठंडा होने के कारण जोड़ों में अकडन बनती है और धूप निकलने पर अकडन कम हो जाती है। इस नियमित बदलाव के कारण जोड़ों में दर्द की समस्या शुरू हो जाती है।

जिन मरीजों का पहले से इम्प्लांट हो चुका है जैसे घुटनों में प्लेट लगी है या रोड लगी हुई है या घुटनों का प्रत्यारोपण (नी रिप्लेसमेंट) हो चुका है, मौसम में बदलाव होने पर उनके जोड़ों के आसपास मांसपेशियों और लिगामेंट सिकुड़ने लगते हैं जिससे उन्हें दर्द की समस्या होती है। इम्प्लांट अलग होता है और बोन की डेंसिटी भी अलग होती है। मौसम में बदलाव होने पर इम्प्लांट में ज्यादा बदलाव होते हैं और हड्डी में कम बदलाव होते हैं। इस कारण भी कई लोगों को जोड़ों में दर्द का अहसास होता है।

हुमिडिटी ज्यादा होने पर हमारे शरीर से सोडियम, पोटाशियम कम हो जाते हैं जिसके कारण मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है। मांसपेशियां कमजोर होने पर हड्डी और जॉइंट में दर्द की संभावना बढ़ जाती है। अगर शरीर में पहले से कैल्शियम, मल्टी विटामिन और डी 3, बी 12 की कमी है तो भी जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है।

सलाह:

· रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि शरीर में डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) की समस्या न हो

· सोडियम, कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थों (केला, खट्टे फल, ड्राई फ्रूट्स, दूध, दही, लस्सी ) का सेवन करें इसके अलावा कैल्शियम, मल्टी विटामिन डी 3 नियमित रूप से लें

· योग, एक्सरसाइज करें

· एयर कंडीशनर में सोने से बचें क्योंकि इसमें तामपान ठंडा होने के कारण जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है

· जिन लोगों को पहले से जोड़ों में समस्या है तो उन्हें खटाई वाली चीजों (टमाटर, आचार) के सेवन से परहेज करना चाहिए

· डायबिटीज, बीपी को कंट्रोल में रखें

· रोजाना 10000 स्टेप्स चलने की कोशिश करें

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