उल्टे बांस बरेली के
गुरुग्राम (मदन लाहौरिया) 21 नवंबर। वास्तविक कार्ययोजना के विपरीत जब कोई कार्य किया जाता है तो उसे उल्टे बांस बरेली कहा जाता है! यह कहावत भारत में काफी पुराने समय से है और देश में भिन्न भिन्न समय कई नेताओं पर सही भी उतरी है! इस वक्त लिखे जाने वाली इस खबर में भी कुछ ऐसा ही मसाला है! हरियाणा की भाजपा सरकार के पिछले पांच वर्ष के कार्यकाल में गुरुग्राम के सरकारी नागरिक अस्पताल व पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस के निर्माण के बीच उल्टे बांस बरेली वाला ही मामला हुआ है! गुरुग्राम के नागरिकों को कई वर्षों से यहां के मुख्य सरकारी नागरिक अस्पताल में मैडिकल की बुनियादी सुविधाएं ना मिलने की वजह से व इस अस्पताल में गंभीर बिमारियों के इलाज की सुविधा ना होने के कारण बड़ी भारी तकलीफ उठानी पड़ रही थी! गुरुग्राम के इस मुख्य सरकारी नागरिक अस्पताल में गंभीर बिमारियों के इलाज की सुविधा के लिए आधुनिक मशीनरी लगवाने की बजाय गुरुग्राम में राजनैतिक लाभ लेने के लिए अपने मंत्रियों के सभी सुविधाओं से सम्पन्न पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस बनवा दिया गया और गुरुग्राम में भाजपा सरकार की मदद से सेक्टर 12 में एक आलिशान आरएसएस का कार्यालय व एक आरएसएस की संस्था द्वारा संचालित बढिय़ा हैल्थ आरोग्य केंद्र बनवा दिया परंतु गुरुग्राम के आम नागरिकों की जरूरत को देखते हुए सरकारी नागरिक अस्पताल को अपग्रेड नहीं किया जो कि गुरुग्राम की जनता के साथ बड़ा भारी धोखा है! स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर अनिल विज ड्रामा करते हुए सरकारी अस्पतालों के स्टाफ में केवल निजी राजनैतिक स्वार्थ के लिए भय दिखाते रहे और सरकारी अस्पतालों में मरीजों की सुविधा के लिए किया कुछ नहीं! इस विषय में गुरुग्राम के विपिन सहगल से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि यहां के सरकारी नागरिक अस्पताल को अपग्रेड करने की बजाय अब बंद करके सेक्टर 10 के सरकारी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया जिस वजह से गुरुग्राम शहर के लोगों व आस पास के इलाकों से आने वाले मरीजों को काफी दिक्तत हो रही है क्यों कि शहर से सेक्टर 10 के अस्पताल में जाने आने पर जनता के 50 रूपये तो ऑटो भाड़ा लग जाता है और दो घंटे का समय जाने आने में बर्बाद होता है जब कि शहर के सरकारी नागरिक अस्पताल में जनता को इस चीज की दिक्तत नहीं थी!
दूसरी और जब गुरुग्राम के ही मुकेश अग्रवाल से बात की गई तो उन का कहना है कि सेक्टर 10 के सरकारी अस्पताल में ईलाज बिलकुल घटिया होता है और वहां पर मरीजों के लिए कोई ज्यादा सुविधा नहीं है! उनकी खुद की बेटी जब बीमार हुई तो वहां पर ईलाज करवाते वक्त उन्हें काफी दिक्कत आई! सेक्टर 10 के सरकारी अस्पताल में गुरुग्राम के मुख्य सरकारी नागरिक अस्पताल को बगैर अतिरिक्त सुविधाएं दिए शिफ्ट कर देना सरासर तौर पर गुरुग्राम के लोगों के साथ बड़ा भारी धोखा है! लोगों के इन विचारों से लगता है कि भाजपा की इस वर्तमान सरकार में दोबारा से फिर स्वास्थ्य मंत्री बने अनिल विज गुरुग्राम के मुख्य सरकारी नागरिक अस्पताल को अपग्रेड करने व नई इमारत बनाने के मामले में फिर कहीं गब्बर वाला डायलॉग ना बोल दे व गुरुग्राम की जनता को अब अनिल विज की बातों पर विश्वास नहीं है!