एड्स की जानकारी ही एड्स से बचाव, वार्ता, फेस पेंटिंग और सलोगन से दिया संदेश !

फरीदाबाद, 26 नवम्बर ! राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा की जूनियर रेडक्रास और सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड ने प्राचार्या नीलम कौशिक की अध्यक्षता में विश्व एड्स दिवस के अवसर पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में वार्ता, फेस पेंटिंग और सलोगन लिख जानलेवा और लाइलाज एड्स के भयानक परिणामों को दर्शाया। जूनियर रेडक्रास और सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड अधिकारी रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने इस अवसर पर बताया कि मानव तंत्र की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाली लाइलाज बीमारी को एचआईवी अर्थात ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस या एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम यानी एड्स कहा जाता है। ये एक जानलेवा संक्रामक बीमारी है, इसलिए हर साल एड्स से जुड़ी जानकारी के प्रति जागरुक करने के लिए फैलाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एचआईवी एड्स को 1 दिसंबर को विश्व स्तर पर सेलिब्रेट किया जाता है एचआईवी एक जानलेवा इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है।

इस बीमारी में जानलेवा इंफेक्शन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्यून सिस्टम पर हमला करता है। जिससे शरीर सामान्य बीमारियों से लड़ने में भी अक्षम होने लगता है। रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि ये तीन चरणों, प्राथमिक चरण, चिकित्सा विलंबता और एड्स के रूप में प्रकट होती है वैश्विक स्तर पर अनुमानित रूप में 3.67 करोड़ लोग हैं जो एचआईवी वायरस से पीड़ित हैं। साल 1984 में वायरस की पहचान होने के बाद से अब तक लगभग 3.5 करोड़ से अधिक लोग एचआईवी यानि एड्स से मर चुके हैं, जो इसे इतिहास में सबसे विनाशकारी महामारी के रुप में स्थापित कर रहा है। एचआईवी की गंभीरता को देखते हुए दुनिया के सभी देश इससे पीड़ित लोगों के लिए बेहतर उपचार व्यवस्था के साथ सामाजिक भेदभाव को दूर करने के लिए कई तरह के कानूनों को समय समय पर लागू भी करती हैं। इसके साथ ही विश्व एड्स दिवस वैश्विक स्तर पर लोगों को एड्स पीड़ितों की धन, शिक्षा और जागरुकता के माध्यम से मदद करने की याद दिलाती है। आज बच्चों मोहित और सौरभ ने फेस पेंटिंग तथा नीतू, कोमल झा, मीना कुमारी, रिमझिम तथा अभिषेक सहित अन्य बच्चों ने पोस्टर व पेंटिंग द्वारा एड्स के प्रति चिंताओं से अवगत करवाया। प्राचार्या नीलम कौशिक, रविन्द्र कुमार मनचन्दा, रेणु शर्मा, राजीव जैन, विनोद बैंसला, वेदवती और मंजीत सिंह सहित सभी प्राध्यापकों ने एड्स से सचेत रहने के लिए जागरूक किया।

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