चिड़ियाघर में बंगाल टाइगर की मौत !
नयी दिल्ली, 21 सितंबर ! दिल्ली के चिड़ियाघर में शुक्रवार को आठ साल के एक बंगाल टाइगर की विभिन्न अंगों के निष्क्रिय हो जाने के कारण मौत हो गयी। अधिकारियों ने बताया कि रामा नामक इस बाघ की एक बजे मौत हो गयी। इस चिड़ियाघर में अप्रैल, 2018 से जून, 2019 तक 245 जानवरों की मौत हुई है। इससे जानवरों की करीब 10 प्रजातियां की पूरी जमात समाप्त हो गयी । उनमें चिंकारा, वाटर मॉनिटर लिजार्ड , मृदु कवच वाले कछुए एवं शुतुरमुर्ग आदि शामिल हैं।
अधिकारियों के अनुसार अंत्य परीक्षण से खुलासा हुआ है कि विभिन्न अंगों के काम करना बंद कर देने के चलते रामा मर गया। दिल्ली सरकार और चंडीगढ़ छतबीर चिड़ियाघर के पशु विशेषज्ञों की एक टीम ने पोस्टमार्टम किया। आमतौर पर बाघ ऐसे स्थानों पर करीब 20 सालों तक जीता है। पहले रामा की ब्लड रिपोर्ट से फॉस्फोरस और क्रेटिनाइन की बहुत अधिक मात्रा का संकेत मिला जिससे किडनी पर असर पड़ा।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह बाघ 27 जुलाई से बीमार था और खाना भी ढंग से नहीं खा रहा था। वह बहुत कमजोर हो गया था। उसे 2014 में मैसूर के चिड़ियाघर से यहां लाया गया था।
अधिकारियों के अनुसार बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान और मथुरा के पशु चिकित्सा अधिकारियों का एक दल उसका इलाज कर रहा था। चिड़ियाघर प्रशासन ने चंडीगढ़ के छतबीर चिड़ियाघर से डॉ एन पी सिंह को बुलाया था जो बाघ का इलाज करने में विशेषज्ञ हैं। इस बाघ ने 10 सितंबर को चिड़ियाघर के कर्मचारी फतह सिंह पर हमला किया था। वह कर्मचारी उसके बर्तन में पानी भरने गया था।
अधिकारियों के अनुसार केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के सदस्य सचिव एस पी यादव ने इस बंगाल टाइगर के खराब स्वास्थ्य से जुड़ी स्थितियों की जांच के लिए शुक्रवार सुबह तीन सदस्यीय समिति बनायी थी। इस समिति को दिल्ली के चिड़ियाघर खासकर पशुओं के बाड़ों की स्वच्छता की स्थिति की समीक्षा करने और तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है। अधिकारियों के अनुसार चिड़ियाघर के अंदर ही रामा का पोस्टमार्टम किया गया।