पेड़ काटे जाने के खिलाफ भारी हंगामा, 29 गिरफ्तार !

मुंबई, 6 अक्टूबर ! उत्तरी मुंबई के आरे कॉलोनी में शुक्रवार रात और शनिवार को मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (एमएमआरसीएल) द्वारा पेड़ों को काटे जाने का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों का पुलिस के साथ झड़प हो गई, जिसको लेकर छह महिलाओं सहित 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इलाके में एक प्रस्तावित ‘मेट्रो ट्रेन शेड’ बनाने के लिए पेड़ों की कटाई की जा रही है।

पुलिस ने शनिवार को आरे कॉलोनी और उसके आसपास के इलाकों में शनिवार सुबह दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लगा दी। घटनास्थल पर राकांपा के विधायक जितेंद्र अव्हाद, शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी, शिवसेना नेता और पूर्व मेयर शुभा राउल सहित कई लोगों को हिरासत में लिया गया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर सख्ती बरतने का आरोप लगाया है। हालांकि, मुम्बई पुलिस ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।

पुलिस ने बताया कि भादंसं की विभिन्न धाराओं के तहत 38 प्रदर्शनकारियों पर मामला दर्ज किया गया, जबकि कम-से-कम 60 लोगों को हिरासत में लिया गया है। विधानसभा चुनाव के लिए सरगर्मियां तेज होने के कारण इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। विपक्षी दल सत्तारूढ़ भाजपा और शिवसेना को पेड़ों को बचाने में उनकी ‘‘नाकामी’’ के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

इस बीच, हरित कार्यकर्ताओं को लगातार दूसरे दिन झटका लगा जब बंबई उच्च न्यायालय ने कार शेड के लिए मुंबई के प्रमुख हरित क्षेत्र आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने से शनिवार को इनकार कर दिया। कुछ हरित कार्यकर्ताओं ने शनिवार को नयी याचिका दायर कर मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) द्वारा इलाके में 2656 पेड़ों को काटे जाने पर रोक लगाने की मांग की थी। इससे एक दिन पहले उच्च न्यायालय ने बृहंमुंबई महानगरपालिका के वृक्ष प्राधिकरण के पेड़ों को काटने की अनुमति देने के फैसले को चुनौती देने वाले गैर लाभकारी संगठनों और कार्यकर्ताओं की चार याचिकाओं को खारिज कर दिया था। कार्यकर्ता इस फैसले पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे ताकि वे उच्चतम न्यायालय का रुख कर सकें।

एमएमआरसीएल ने शुक्रवार देर रात को पेड़ काटने शुरू कर दिए थे। उसकी इस कार्रवाई का हरित कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध किया। कार्यकर्ताओं ने दलील दी कि उच्चतम न्यायालय में सोमवार को अपील दायर की जाएगी लेकिन तब तक एमएमआरसीएल कॉलोनी में सभी पेड़ काटे जो चुके होंगे।

न्यायमूर्ति एस सी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति ए के मेनन ने उच्च न्यायालय में अपने चैंबर में अर्जी पर तत्काल सुनवाई की। एमएमआरसीएल की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अक्षय शिंदे ने अदालत को बताया कि उन्होंने शुक्रवार को उच्च न्यायालय के फैसले के बाद ही पेड़ काटने की कार्रवाई शुरू की। पीठ ने संक्षिप्त दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह शुक्रवार के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेगी और उसने एमएमआरसीएल की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। पेड़ों को काटने जाने का विरोध कर रहे कार्यकर्ता आरे को वन क्षेत्र घोषित करने की मांग कर रहे हैं।

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ हमने 29 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें छह महिलाएं हैं। इनमें से कुछ ने आरे कॉलोनी में तैनात पुलिसकर्मियों से हाथापाई की थी और उन्हें अपनी ड्यूटी करने में अवरोध पैदा किया था।’’ पुलिस अधिकारी कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों से हाथापाई भी की है। उन्होंने बताया कि एमएमआरसीएल द्वारा पेड़ों की कटाई शुरू करते ही करीब 200 पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर उन्हें रोकने की कोशिश की।

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘ प्रदर्शन के दौरान लोगों के एक समूह ने दो पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया, जिन्हें चोटें आई हैं।’’ कथित हमले में घायल हुए 28 वर्षीय महिला पुलिस कांस्टेबल की शिकायत के आधार पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ गिरफ्तार किए गए सभी प्रदर्शनकारियों को रिमांड के लिए अदालत ले जाया गया है।’’ 

इस कार्रवाई के लिए विपक्षी दलों ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन नीत राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे पेड़ों को बचाने में नाकाम रहे हैं। शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे ने मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो द्वारा पेड़ों को काटने का विरोध कर रहे पर्यावरण कार्यकर्ताओं का समर्थन किया और उन्हें हिरासत में लिए जाने अथवा उनको गिरफ्तार किए जाने का विरोध किया। ठाकरे ने भी एमएमआरसीएल की कार्रवाई की आलोचना करते हुए इसे ‘‘शर्मनाक और घिनौना’’ करार दिया है। ठाकरे ने मुख्यमंत्री देंवेद्र फडणवीस से अनुरोध किया कि वह महानगर पुलिस से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करने को कहें। 

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