धरोहर को आर्थिक विकास की प्रेरक शक्ति के तौर पर उपयोग कर रहा है भारत : हरदीप पुरी

नई दिल्ली : शहीद नानक सिंह फाउंडेशन द्वारा नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष सेमिनार में केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भारत के विकास में शरणार्थियों के योगदान की सराहना की और इसे सभ्यतागत मूल्यों को पुनः प्राप्त करना बताया।

शहीद नानक सिंह फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘भारत का सम्मान करने वालों का सम्मान’ विषय पर आयोजित सेमिनार में अपने मुख्य भाषण में हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “हम एक ऐसे देश हैं जिसने अपनी पिछली पीढ़ी के बलिदानों को आगे बढ़ाया है। शरणार्थियों के योगदान से भारत सहित बहुत सारे देशों को फायदा हुआ है। हमने उन धरोहर यानि सभ्यतागत मूल्यों को पुनः प्राप्त किया है, जो हमेशा से हमारे थे। हमने उनका इस्तेमाल गर्व से आर्थिक विकास के प्रेरक के तौर पर किया है। शहीद नानक सिंह और उनके परिवार का योगदान इसी बात का जीवंत प्रमाण है।”

कार्यक्रम का आयोजन भारत के विभाजन के दौरान हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने वाले शहीद नानक सिंह के प्रयासों को सम्मानित करने के लिए किया गया था। उन्होंने 1947 में मुल्तान (अब पाकिस्तान में) के डीएवी कॉलेज के छात्रों के जीवन की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया था।

यूनाइटेड किंगडम के हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य और शहीद नानक सिंह जी के सबसे छोटे बेटे लॉर्ड रामी रेंजर एफआरएसए ने विभाजन के दौरान सभी धर्मों के लोगों को एकजुट करने में अपने पिता की भूमिका का वर्णन किया। उन्होंने कहा, “भारत की एकता हमारी सभ्यता के अस्तित्व के लिए आवश्यक है। हमारी सभ्यता हर दूसरी सभ्यता से मीलों आगे है। जब हम एकजुट नहीं थे, तो हमें सदियों तक आक्रमण सहना पड़ा। लेकिन हम अपने निस्वार्थ नेताओं के सर्वोच्च बलिदान के कारण आज जो कुछ भी आनंद ले रहे हैं, उसे संरक्षित करने में कामयाब रहे हैं।”

इन संवादों के महत्व को रेखांकित करते हुए शहीद नानक सिंह फाउंडेशन के महासचिव विनीत नंदा ने कहा कि जैसे-जैसे भारत का वैश्विक प्रभाव बढ़ रहा है, उन भारतीयों की पहचान महत्वपूर्ण है, जिन्होंने राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक अंतरराष्ट्रीय छवि बनाने को प्राथमिकता दी।

इस समारोह में अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिनमें कर्नल कुलविंदर सिंह (स्वर्गीय नानक सिंह जी के पुत्र), रविन्द्र शेरोन, नवनीत सोनी, अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष तरलोचन सिंह, राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा तथा वर्तमान एवं पूर्व नौकरशाहों सहित अनेक अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।

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